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लखीमपुर हो या मुंबई: क्या बड़े बाप के बेटों को उनके किए की सजा मिलेगी?

बाप बड़ा हो तो बेटा भी बड़ा होगा ही इस बात की कोई गारंटी नहीं है। बड़े बाप के बेटे अक्सर घटिया हरकतें करते हैं,लेकिन दुःख की बात ये है कि घटिया हरकतें करने वाले बेटों के बाप इन घटनाओं पर शर्मसार होने के बजाय अपने बेटों के साथ खड़े होकर उनकी घटिया हरकतों को (जो अपराध ही हैं) खुला संरक्षण देते हैं। इन दिनों लखीमपुर खीरी और मुंबई इन बड़े बाप के बेटों की घटिया हरकतों की वजह से सुर्ख़ियों में है।

भारत एक बड़ा देश हैं,इसलिए इस बड़े देश में बड़े लोगों की तादाद भी कम नहीं है। बड़े लोगों के बेटे भी जन्मजात बड़े होते हैं और उन्हें लगता है कि वे कोई भी बड़े से बड़ा अपराध कर सकते हैं और भारत का कोई कानून उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अक्सर ऐसा होता भी है। बड़े बाप के बड़े बेटों को उनके किये की सजा नहीं मिल पाती मिल भी जाए तो इसे अपवाद ही समझिये। बड़े बापों के बड़े बेटों के कुकर्मों की लम्बी फेहरिस्त है। कोई शोध करे तो पीएचडी की उपाधि तक हासिल कर सकता है।
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फिलहाल हम बात लखीमपुर खीरी और मुंबई की ही करते हैं। लखीमपुर खीरी में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे ने आंदोलनरत किसानों पर कार चढ़ा दी और 2 किसानों की जान ले ली। प्रतिहिंसा में 6 और लोग मारे गए लेकिन आरोपी का बेटा बड़ा बाप यानि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र है इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री के लिए ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना से ज्यादा कुछ नहीं है।

राकेश अचल

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि उनके बेटे पर लगाया जा रहा ये आरोप कि वो गाड़ी चला रहे थे, ये सरासर झूठ है। उन्होंने कहा, “वो, मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य उस वक़्त वहां मौजूद ही नहीं था। जबकि किसान नेता डॉक्टर दर्शनपाल ने कहा कि तिकुनिया में यूपी के डिप्टी सीएम को हेलिकॉप्टर पर जाने से रोकने के लिए हेलीपैड को घेर लिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रोग्राम ख़त्म हो रहा था और लोग वहां से वापस जा रहे थे। उसी समय तीन गाड़ियां तेज़ रफ़्तार से आईं जिसमें अजय मिश्रा, उनके बेटे, भाई और भाई का चाचा बैठे थे, उन्होंने गाड़ियां चढ़ा दी, एक किसान की मौके पर मौत हो गई, एक की अस्पताल में।

किसान आंदोलन के प्रति भाजपा और भाजपा की सरकार का क्या रवैया है,ये किसी से छिपा नहीं है। बड़े बाप के बड़े बेटे ने भी 2 दिन पहले ही किसानों को 2 मिनट में सुधार देने की खुलेआम धमकी दी थी और उसने ऐसा करके दिखा भी दिया,लेकिन किसान नहीं सुधरे। किसान सुधरेंगे भी नहीं क्योंकि वे बड़े बाप के बड़े बेटे नहीं हैं।

किसानों की मौत के बाद लखीमपुर खीरी राजनीतिक पर्यटन का नया केंद्र बन गया है। कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी मौके पर जा रहीं हैं,और भी दलों के नेताओं को भी अब लखीमपुर खीरी जाना ही पडेगा,क्योंकि यूपी में चुनाव सर पर हैं स्वाभाविक है। ऐसी घटनाओं पर सियासत होती है,होती रहेगी ,लेकिन सवाल ये है की क्या किसानों के प्रति क्रूरता का कोई अंत होगा ? क्या बड़े बाप के बेटे को उसके किये की सजा मिलेगी? जवाब है -‘ कभी नहीं।

अब मुंबई में बड़े बाप शाहरुख खान के बड़े बेटे आर्यन खान की बात कर लेते हैं। आर्यन खान मुंबई में एक ड्रग पार्टी में 13 अन्य युवाओं के साथ पकडे गए हैं। आर्यन बड़े बाप के बेटे हैं इसलिए उन्हें दर्ज पार्टियों में शामिल होने का हक है।

उनकी हैसियत है कि वे ऐसी पार्टियों में शामिल होने के लिए दो लाख रुपए का टिकिट लें, लेकिन उन्हें पकड़ने का हक किसी को नहीं होना चाहिए। दुर्भाग्य से एनसीबी ने उन्हें पकड़ लिया है। ये वो ही एनसीबी है जो सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के मामले के बाद सुर्ख़ियों में रही थी । आर्यन खान का कुछ नहीं होगा ,कुछ नहीं होना चाहिए क्योंकि वे बड़े बाप के बेटे हैं।

आपको याद होगा कि यूपी के ही एक बड़े बाप थे डीपी यादव उनके बेटे विकास और विशाल ने अपनी बहन के प्रेमी को ज़िंदा जला दिया था। इन गरीबों को जरूर उनके किये की सजा मिली,लेकिन सलमान खान को अवैध शिकार की सजा नहीं मिली।वे भी एक बड़े बाप के बेटे हैं। संजय दत्त जेल गए ,वे भी बड़े बाप के बेटे हैं लेकिन उनके बाप बड़े जिगर वाले थे सो क़ानून के आड़े नहीं आये,अन्यथा वे भी संजय दत्त को बचा सकते थे। दिल्ली में एक बड़े बाप के बेटे ने तंदूर काण्ड कर दिया था .बड़े बाप के बेटे कोई भी कारनामा कर सकते हैं,उनका हर कारनामा बड़ा ही होता है।

हमारे मध्यप्रदेश में बड़े बाप के बड़े बेटे स्कूल के बस्ते में नोट भरकर घूमते हैं। बड़े बाप के बेटे चाहे व्यापम घोटाले में फंसे हों या हनी ट्रेप मामले में उनका अंतत: कुछ बिगड़ता नहीं है। वे निर्दोष साबित होकर ससम्मान समाज में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। बड़े बाप के बड़े बेटों का अपराध करना और अपराध कर निर्दोष साबित होना जैसे जन्मसिद्ध अधिकार है। बड़े बापों के बड़े बेटे कोई छोटा काम करते ही नहीं है। वे फुटपाथ पर सोते मजदूर हों या सड़क पर प्रदर्शन करते किसान उन्हें अपनी गाड़ियों से रोंदने में ज़रा भी संकोच नहीं करते।
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बड़े बाप के बेटों की बड़ी करतूतों के फेर में बंगाल में ममता की जीत की खबर दब गयी। लोग पंजाब का किस्सा भूल गए। बड़े बाप के बेटे लोगों को भुलाने का ही काम करते हैं। मै खुद बड़े बापों के बड़े बेटों की करतूतें याद करने की कोशिश कर रहा हूँ लेकिन कुछ याद नहीं आ रहा। विकिपीडिया की तरह मै आपको छूट देता हूँ की आप अपने-अपने इलाके के बड़े बापों के बड़े बेटों की करतूतों को खोजें और मेरे इस आलेख में जोड़े.लेकिन सावधान रहें.बड़े बाप के बेटे आपको भी कभी भी,कोई भी नुक्सान पहुंचा सकते हैं।

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