हैलो श्वेता जी, हैलो आजतक जी,अशोक महान ने राजपाट कभी नहीं छोड़ा
न्यूज़ चैनल आजतक द्वारा अशोक स्तंभ पर प्रसारित कार्यक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर राकेश पाठक की FB पोस्ट
Ashok Chaturvedi
नंबर वन चैनल का दावा करने वाले ‘आजतक’ पर कल श्वेता सिंह ने अशोक स्तंभ पर एक प्रोग्राम प्रस्तुत किया। श्वेता जी ने इसमें बताया कि ‘कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने राजपाट त्याग दिया था। सच्चाई ये है कि अशोक ने कभी राजपाट नहीं छोड़ा। कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने युद्ध न करने का संकल्प ले लिया था लेकिन उसके बाद करीब तीन दशक तक राजगद्दी पर रहा था। वो जीवन पर्यंत सम्राट ही रहा।
ख़बर के साथ लगे स्टिकर में ईसा पूर्व 272 में कलिंग युद्ध के बाद राजपाट त्यागने का उल्लेख किया गया है। यह भी सिरे से गलत है। कलिंग युद्ध ईसा पूर्व 262 -261 में हुआ था। ईसा पूर्व 272 में तो अशोक ने गद्दी सम्हाली थी। अपने भाइयों के साथ संघर्ष के बाद उसका वास्तविक राज्याभिषेक ईसा पूर्व 268 में हुआ था। राजपाट सम्हालने और राज्याभिषेक में करीब चार साल का अंतर है।
आइए संक्षेप में अशोक महान के बारे में जानते हैं।
अशोक मौर्य वंश का तीसरा सम्राट था जिसने भारतवर्ष पर शासन किया। वह चंद्रगुप्त मौर्य का पौत्र और बिंदुसार का पुत्र था। शिलालेखों आदि में उसका नाम प्रियदस्सिन अशोक (प्रियदर्शन), देवानामपिय (देवानामप्रिय) आदि भी मिलता है।
ईसा पूर्व 304 में जन्मे अशोक ने पिता की मृत्यु के बाद ईसा पूर्व 272 में राजपाट सम्हाला। राज्य विस्तार के लिए अशोक ने अनेक युद्ध लड़े जिनमें सबसे भीषण ‘कलिंग युद्ध’ माना जाता है।
वर्तमान ओडिशा (उड़ीसा) पर आधिपत्य के लिए ईसा पूर्व 262- 261 में हुए इस युद्ध में लगभग एक लाख लोग मारे गए। इस रक्तपात ने सम्राट अशोक का मोहभंग कर दिया। इस युद्ध के बाद हुए हृदय परिवर्तन के कारण अशोक ने जीवन में कभी युद्ध न करने का संकल्प ले लिया।अंततः धर्म परिवर्तन करके बौद्ध धर्म की शरण में चला गया। अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अशोक ने बाक़ी का जीवन शिक्षा और धर्म प्रचार में लगा दिया।
अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को भारत के बाहर बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजा। महेंद्र ने श्रीलंका के राजा तिस्स को बौद्ध धर्म का उपदेश दिया। राजा ने बौद्ध धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया।
कलिंग युद्ध के बाद भी सम्राट अशोक ने मृत्यु तक भारत पर शासन किया। उसकी मृत्यु ईसा पूर्व 232 में हुई। अर्थात कलिंग युद्ध के बाद अशोक लगभग तीन दशक और राजपाट सम्हाले रहा। मौर्य साम्राज्य में सबसे लंबे समय तक अशोक ही गद्दी पर रहा। उसने करीब चालीस साल भारत पर राज किया।
o श्वेता सिंह जी वही हैं जिन्हें दो हजार के नोट में नैनो चिप की ख़ोज के लिए ‘एंटायर इकोनॉमिक्स’ में PHd की मानद उपाधि प्रदान की गई है।