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एक दिन का कोविड आंकड़ा गांवों और युवाओं का भ्रम तोड़ने काफी है

रजनीश जैन

सागर जिले में दिनांक 13 अप्रैल को जारी 218 लोगों की कोरोना पॉजिटिव सूची के सरसरी तौर पर विश्लेषण से कुछ काम के तथ्य निकल रहे हैं। ये 24 घंटे में निकले मरीजों की तादाद है।
उम्र के नजरिए से देखें तो कुल…


218 में से

5 से 18 वर्ष के मरीज 12 हैं
19 से 30 वर्ष के 51 हैं
31 से 45 वर्ष के 68 हैं
46 से 60 वर्ष के 44 हैं और
61 वर्ष से ऊपर के 43
मरीज कोरोना पॉजिटिव हैं। और मोटा विभाजन करें तो कुल 218 में से 45 वर्ष से कम के कोविड पाजीटिव 131 हैं और 46 से ऊपर की उम्र के 87 हैं।

बच्चों, किशोरों और युवाओं के प्रभावित होने की तादाद हतप्रभ करती है। ये वह आयु वर्ग है जिसके बारे में पिछली लहर का अनुभव था कि इन्हें कोविड कम प्रभावित करता है क्योंकि इनकी इम्यूनिटी बेहतर होती है। एक सीधा सा निष्कर्ष निकलता है कि यही वो वर्ग है जिसे वैक्सीन नहीं लगी है इसलिए इनकी संख्या ज्यादा है। और यह भी तय हो रहा है कि इस बार का वायरस पिछले वाले से इस मायने में भिन्न है कि यह बच्चो, किशोरों और युवाओं को तेजी से प्रभावित करने की क्षमता रखता है। बुजुर्गों को वैक्सीनेशन का फायदा हुआ है यह साफ पता चल रहा है क्योंकि यह सबसे संवेदनशील समूह है पर पाजीटिव लिस्ट में इनकी तादाद कम होती जा रही है। इस तथ्य से सावधानियां बरतने के लिए क्या संदेश निकलते हैं।

यह कि वैक्सीनेशन में उम्र की बाधा हटा लेनी चाहिए। वैक्सीन की उपलब्धता को भीषणता से तेज कर दीजिए। यह समझ लीजिए कि भले ही वैक्सीन के लिए विदेशी कंपनियां कमा ले जाएं लेकिन इसमें प्रति व्यक्ति खर्च होने वाली रकम बाकी इंतजामों में हो रहे खर्च और प्रभावित होने वाली अर्थव्यवस्था की तुलना में नगण्य ही होगी। वैक्सीनेशन से ब्रिटेन की सफलता सबके सामने है। वैक्सीन के प्रति जिस तबके में अविश्वास है वह अपने लिए स्वयं जिम्मेदार है मानकर उसके प्रति जिम्मेदारी से मुक्त हो लेना चाहिए। स्वास्थ्यगत कारणों से वैक्सीनेशन नहीं करा सकने वाली थोड़ी सी आबादी के लिए कोविड स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया रहेंगी ही।

सागर जिले की सूची बताती है कि हमें अब जिलावार सूचियों को ब्लाकवार सूचियों में विभक्त करके जारी करना चाहिए ताकि ग्रामीण आबादी को अपने ऊपर मंडरा रहे खतरों की स्पष्ट और द्रुत सूचना मिल सके। इस लहर वाला कोरोना स्ट्रेन गांवों में भी तेजी से फैल रहा है। खासतौर पर ग्रामीण महिलाएं वहां के पुरुषों के बजाए तेजी से कोविड की चपेट में आ रही हैं।

13 अप्रैल की ही सूची की बात करें तो सागर जिले के चार छोरों यानि मालथौन से महाराजपुर तक और शाहगढ़ से बीना तक के गांवों के नाम सूची में हैं। गढ़ाकोटा, रहली, राहतगढ़, बीना, जैसीनगर, बंडा,शाहगढ़,देवरी सभी ब्लाकों में आगे निकलने की होड़ शुरु हो गई है। इनमें रहली, गढ़ाकोटा, राहतगढ़ में तो कोविड मरीजों का बिखराव छह से दस वार्डों तक विस्तार पा चुका है।
कल की सूची में दर्ज गांवों के नाम देखिए तो बीना ब्लाक में परसोलिया, मुढ़िया धोरा, कुरुआ, भानगढ़, पुरैना, मुडेरा चंद्रमन, खुरई बलाक में बीकोर कला, कनऊ सिलौधा, मोहली बुजुर्ग, राहतगढ ब्लाक में मदनपुर, खेसरा, मुरली बासोदा, मीरखेड़ी, झिला, डाबरी, उमरिया सेमरा, एरन मिर्जापुर, रहली ब्लाक में सागौनी, पटना बुजुर्ग, केलवार, बंडा ब्लाक में भेड़ा, जैसीनगर ब्लाक में तोड़ा, चैनपुरा, सुरखी में हनौता, चितौरा, राजा बिलहरा, रतौना, पिपरिया, सत्ताढाना, शाहगढ़ ब्लाक में नेगुंवा, अमरपुरा, बेराज, देवरी ब्लाक में मोकला, सागर ब्लाक में सेमराबाग, पटकुई, गंभीरिया जैसे गांवों के नाम शामिल हैं। एक ही दिन में इतने गांवों में कोविड का फैलाव हैरत पैदा करता है। ये गांव वे हैं जो नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों से हटकर ग्रामपंचायत के गांव हैं।

पिछली लहर में अमूमन देहातों को सुरक्षित समझा जा रहा था पर इस बार यह भ्रम टूट चुका है। गौर कीजिए कि ग्रामों में पाजीटिव हो रहे लोगों में महिलाओं और युवाओं का प्रतिशत अन्य वर्गों से अधिक है। वैक्सीनेशन की सुविधा पंचायत स्तर के गांवों में अभी कम ही उपलब्ध हुई है, जहां है वहां प्रचलन और सहमति का अभाव है।

…तो गांवों को अपनी आंतरिक शक्ति और संकल्प के साथ जागने की जरूरत आन पड़ी है। ग्राम की चौपालों और प्रधानों को सरकार का मुंह ताकना बंद करके अपने निर्णय लेने होंगे। पिछले बार से भी कई गुना ताकत और बारीकी के साथ गांवों को आगे आना होगा वरना सचमुच हालात भयावह होंगे। क्योंकि कोविड का दैत्य इस बार उनके योग्य भी मारक क्षमता लेकर आया है।

यह तो साफ हो ही चुका है गांवों को शहरी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का भरोसा एकदम खत्म कर देना चाहिए क्योंकि वे तो अपने शहर के बोझ तले ही चीं बोल चुकी हैं। और यह जो सागर जिले के संदर्भ में लिखा गया है वह सभी तकरीबन जिलों पर लागू है। हर जिला अपनी सूची की लगातार मानीटरिंग और विश्लेषण से कुछ सावधानियां बरतने लायक नतीजे हासिल कर सकता है।

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