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क्या पॉवरफुल PM-HM को नहीं पता, कहां से आ रहे नक़ली नोट?

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने 500 और 2000 के फर्जी नोटों की संख्या में बढ़ोतरी पर मोदी सरकार को घेरा।

नई दिल्ली/भोपाल (जोशहोश डेस्क) रिज़र्व बैंक के आंकड़ों ने नोटबंदी पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। साल 2020-21 में 500 के फर्जी नोटों की संख्या में 101.9 फीसदी और 2000 के के फर्जी नोटों की संख्या 54.16 फीसदी बढ़ोतरी का खुलासा होने के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने नोटबंदी को लेकर बड़ा हमला बोला है।

दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि इतनी बडी संख्या में पांच सौ और दो हजार के नकली नोट कैसे अर्थव्यवस्था में आ गए? उन्होंने कहा कि इतने पाॅवरपफुल प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को क्या यह नहीं पता कि नकली नोट कहां से आ रहे हैं?

डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर किये जा रहे दावों को लेकर भी राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने वादा किया था केश का प्रचलन कम कर डिजिटल ट्रांसेक्शन बढ़ाया जाएगा लेकिन 6 सालों में नोटों का circulation बाज़ार में ₹17 लाख करोड़ से बढ़ कर ₹28 लाख करोड़ हो गया। क्या ₹11 लाख करोड़ नए नोट भारत सरकार ने छपवाए हैं?

दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि- नक़ली नोट कहॉं छप रहे हैं क्या यह भारत सरकार पता नहीं लगा सकती? इतनी बड़ी संख्या में नक़ली नोटों का प्रचलन क्या देश की अर्थव्यवस्था के हित में है? क्या मीडिया में कभी यह बात आई? नहीं आई। क्योंकि उन्हें मंदिर मस्जिद हिंदू मुसलमान शमशान क़ब्रिस्तान से कहॉं फ़ुर्सत है? ज़रा पता लगाईए कौन लोग नक़ली नोट छापने व व्यवसाय करने में माहिर हैं। पता चल जाएगा।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में नकली नोटों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई है। 500 रुपये के के फर्जी नोटों की संख्या 101.9 फीसदी बढ़ गई। वहीं 2000 के नोटों की बात की जाये तो 2020-21 में 2000 के फर्जी नोटों की संख्या 54.16 फीसदी बढ़ी है। रिजर्व बैंक के मुताबिक इस साल मार्च तक सभी मूल्यवर्ग के नोटों की कुल संख्या 13,053 करोड़ थी। इससे एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 12,437 करोड़ था।

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