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शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी हुए नारायण त्यागी, उठे सवाल

वसीम रिजवी ने इस्‍लाम छोड़ अपनाया कर हिंदू धर्म, डासना मंदिर में किया धर्म परिवर्तन।

गाजियाबाद (जोशहोश डेस्क) शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को इस्‍लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी अब त्यागी जाति से जुड़ेंगे। स्थानीय डासना मंदिर में पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्‍हें हिंदू धर्म ग्रहण कराया।

रिजवी सोमवार सुबह डासना देवी मंदिर पहुंचे और पूरे विधि-विधान से हिंदू धर्म को स्वीकार किया। उनका नाम हरवीर नारायण त्यागी रखा गया है। धर्म परिवर्तन से पहले रिजवी यह कह चुके थे कि नरसिंहानंद गिरि महराज ही उनका नया नाम तय करेंगे।

सोशल मीडिया में वसीम रिजवी ने किया धर्म परिवर्तन को लेकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, साथ ही देश में धर्म परिवर्तन के बाद की परिस्थिति को लेकर आशंकाएं भी व्यक्त की जा रही हैं। .

वसीम रिजवी ने कुछ दिन पहले ही अपनी वसीयत जारी की थी। वसीयत में उन्होंने कहा था कि मरने के बाद इस्लाम के बजाय हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। उन्‍होंने यह भी कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को आग दें। इस वसीयत के बाद वसीम रिजवी ने खुद की हत्‍या की साजिश की आशंका जताई थी ।

गौरतलब है कि वसीम रिजवी अक्सर कट्टरपंथी मुस्लिमों के निशाने पर रहते हैं। उन्होंने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद से ही रिजवी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं। मुस्लिम संगठनों का ये भी कहना है कि रिजवी का इस्लाम और शिया समुदाय से कुछ लेना-देना नहीं है।

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