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‘वायरल इस्तीफे’ पर रवीश कुमार की पोस्ट-अब न पहले जैसी नौकरी न सैलरी

रवीश कुमार ने अपने इस्तीफे को लेकर लिखी फेसबुक पोस्ट, देश भर में नौकरी के हालातों का किया जिक्र।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सोशल मीडिया पर नेशनल न्यूज चैनल NDTV के बिकने और चैनल के स्टार एंकर रवीश कुमार के इस्तीफे की खबर वायरल हो रही है। कुछ वेबसाइट पर भी रवीश कुमार के इस्तीफे की खबर दिखी है। इसके बाद रवीश कुमार और उनकी नई नौकरी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

अब रवीश कुमार ने स्वयं अपने इस्तीफे को लेकर एक फेसबुक पोस्ट लिखी है। इसमें उन्होंने अपनी ही नहीं देश भर में नौकरी के हालातों का जिक्र किया। पढ़िए रवीश कुमार की फेसबुक पोस्ट-

रवीश कुमार के इस्तीफ़े की अफ़वाह का सच
मैं भी पता कर रहा हूँ कि मेरा इस्तीफ़ा किसने दिया ? मैंने ही दिया या इसकी कहानी लिखकर हिट्स उड़ाने वालों ने दिलवा दिया। जो लोग इस तरह की अफ़वाह उड़ा रहे हैं लगता है उनके पास उड़ाने के लिए पैसे नहीं हैं।

कृपया इस बारे में मुझसे सही जानकारी न माँगे। पहले ग़लत फैला दो और फिर मुझी से पूछो कि ग़लत है या यही। मैं सिर्फ़ यही जानना चाहता हूँ कि जनसत्ता ने ये अफ़वाह छापी है या नहीं। मेरे बारे में कुछ भी छाप कर हिट्स कमाने वाला जनसत्ता क्या कर रहा है। बाक़ी रिलैक्स करें। दोस्तो, नौकरी की हालत देश में बहुत बुरी है। सभी के लिए। आपके प्रिय नेता श्री नरेंद्र मोदी ने इस प्यारे देश की अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है।

इसमें अब पहले जैसी न तो नौकरी है और न सैलरी। इसका मतलब यह नहीं कि आप दुखी हो जाएँ। बिल्कुल नहीं। जब लगे कि भविष्य में कुछ नहीं ठीक होगा तो अतीत का ठीक करने में लग जाएँ। महापुरुषों की मूर्ति या स्मारक बनाने के नाम पर अतीत के गौरव की बहाली में जुट जाएँ। अच्छा टाइम कटेगा।

उसके बाद भी मन दुखी हो तो नेहरू के मुसलमान वाली मीम सामने रखें और मुसलमानों को क्या करना चाहिए उस पर विचार करें, इस काम में इतनी ख़ुशी मिलेगी कि आप कंट्रोल नहीं कर पाएँगे। महापुरुष और मुसलमान आपके पास ख़ुश होने के दो दो फ़ैक्टर हैं। बस एक नौकरी नहीं है तो इसे लेकर क्या दुखी होना।

गौरतलब है कि NDTV पर रवीश कुमार का प्रोग्राम प्राइम टाइम बेहद चर्चित हैं। आम जान से जुड़े मुद्दों पर सरकारों पर सवाल खड़े करने का रवीश का बेबाक अंदाज़ बेहद पसंद किया जाता है। फेसबुक पर रवीश कुमार के 25 लाख फॉलोवर हैं वही ट्विटर पर भी उन्हें 19 लाख लोग फॉलो करते हैं। हिंदी टीवी पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए रवीश कुमार को वर्ष 2019 के ‘रैमॉन मैगसेसे’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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