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MP चुनाव: क्या लाड़ली बहनों ने नहीं दिया शिवराज भैया का साथ?

वोटिंग के बाद कयासों का दौर जारी, लाड़ली बहना योजना के बाद भी महिला वोट प्रतिशत इस बार बीते विधानसभा चुनाव की तुलना में कम

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में मतदान हो चुका है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में 76.55 फीसदी वोटिंग हुई है। सिवनी में सर्वाधिक 85.86 वहीं बालाघाट जिले में 85.23 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे कम 60.1 वोटिंग आलीराजपुर में हुई। वोटिंग के बाद EVM स्ट्रांग रूम तक पहुँच चुकी हैं जहाँ से बाहर आकर तीन दिसंबर को प्रदेश में अगली सरकार का निर्णय करेंगीं।

वोटिंग के बाद कयासों का दौर जारी है। वोटिंग किस के पक्ष में है इसको लेकर सियासी गणित लग रहे हैं। प्रदेश के चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा लाडली बहना योजना की थी। ऐसे में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि क्या लाड़ली बहना योजना इस बार इस बार शिवराज सरकार की सत्ता में वापसी कारण बनेगी।

लाडली बहना योजना के बाद यह कहा जा रहा था कि महिला वोटर इस चुनाव में बड़ी संख्या में वोट कर सकते हैं और इस योजना के कारण जो मतदान प्रतिशत बढ़ेगा वो भाजपा को चुनावी रेस में आगे कर देगा लेकिन मतदान के बाद आये आंकड़े ये बता रहे हैं कि लाड़ली बहना योजना के बाद भी महिला वोट प्रतिशत इस बार बीते विधानसभा चुनाव की तुलना में कम रहा है।

अगर 2018 विधानसभा चुनावों की बात की जाये तो महिला वोटर्स की संख्या 2.41 करोड़ थी। चुनाव में इनमे से 1.78 करोड़ वोट पड़े थे। यानी बीते चुनाव में महिला वोटर्स का मतदान प्रतिशत 73.85 के करीब रहा था। जबकि इस चुनाव में महिला वोटर्स की संख्या 2.72 करोड़ है और इनमे से 1.93 करोड़ वोट पड़े है। यानी इस बार चुनाव में महिला वोटर्स का मतदान प्रतिशत 70.9 के करीब रहा है। यानी इस चुनाव में लाड़ली बहना योजना के भरपूर प्रचार के बाद भी महिला वोटर्स का प्रतिशत कम रहा है। जिससे चुनावी पंडित हैरान हैं।

दूसरी ओर अगर संख्या के लिहाज से देखा जाए तो इस चुनाव में करीब 15 लाख महिलाओं ने बीते चुनाव की तुलना में ज्यादा वोट किया है। बीते चुनाव में महिलाओं के 1.78 करोड़ वोट पड़े थे जबकि इस चुनाव में महिलाओं के 1.93 करोड़ वोट पड़े है। यह भी कहा जा रहा है कि महिलाओं के 15 लाख वोटों का बढ़ना लाडली बहना योजना का ही असर है।

बडी बात यह है कि बीते चुनाव में दोनों पार्टियों का वोट शेयर कमोबेश एक जैसा ही रहा था। बीजेपी को तब 41 फीसदी और कांग्रेस 40.9 फीसदी वोट के साथ बीजेपी को 1 करोड़ 56 लाख 42 हजार 980 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस को 1 करोड़ 55 लाख 95 हजार 153 वोट मिले थे। भाजपा को सीटें कम मिलने के बाद भी करीब एक लाख वोट ज्यादा ही मिले थे। ऐसे में इस चुनाव में 15 लाख महिला वोट बढ़ना क्या रंग लाएगा, यह तो तीन दिसंबर को ही सामने आएगा।

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