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OBC आरक्षण कम होने का भी जश्न मना रही शिवराज सरकार

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नगरीय निकाय में कम होगा OBC वर्ग का प्रतिनिधित्व, कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर उठाये सवाल।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पंचायत और निकाय चुनाव में OBC आरक्षण की तस्वीर साफ़ हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जहाँ शिवराज सरकार जश्न में डूबी दिखाई दे रही है वहीं फैसले के बाद नगरीय निकाय में OBC वर्ग का प्रतिनिधित्व कम होता दिख रहा है। इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा और शिवराज सरकार पर सवाल उठाये हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दो टूक कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके बाद जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और सरपंच के करीब 1639 पद कम हो जाएंगे। यह स्थिति बनने के बाद भाजपा का अंदरूनी माहौल भी गरमाया हुआ बताया जा रहा है।

इधर कांग्रेस ने नगरीय निकाय में ओबीसी का प्रतिनिधित्व कम होने के बाद भी शिवराज सरकार के जश्न को बेशर्मी करार दिया है। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई स्वरूप मंत्रियों द्वारा भेंट किए गुलदस्तों पर भी कटाक्ष किया है-

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओबीसी वर्ग के लिए जनपद अध्यक्ष के पद 56 से कम होकर 30, जिला पंचायत सदस्य में ओबीसी का प्रतिनिधित्व 168 से घट कर 102 और जनपद सदस्य में 1280 की तुलना में 771 ही रह जाएगा। वहीं पहले OBC वर्ग के 4295 सरपंच होते थे अब यह संख्या 2985 ही रह जाएगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हए यह कहा था कि हमारी सरकार द्वारा 14% से बढ़ाकर 27% किये गए ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए।कमलनाथ ने यह भी कहा था कि यदि शिवराज सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समय पर ट्रिपल टेस्ट की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं का पालन कर देती और आधी-अधूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं करती तो यह अप्रिय स्थिति कभी भी नहीं बनती लेकिन शिवराज सरकार ओबीसी वर्ग का हक छीन जाने के बाद नींद से जागी है।

गौरतलब है कि प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव में OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पंचायत और निकाय चुनाव OBC आरक्षण के साथ होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस सप्ताह आरक्षण नोटिफाई कराने और अगले सप्ताह चुनाव नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश भी दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% से अधिक नहीं होगा।

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