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‘लाड़ली बहना’ की ब्रांडिंग पर ही 150 करोड़ खर्च करेगी कर्ज में डूबी सरकार

ब्रांडिंग के लिए राज्य और जिला स्तरीय सम्मेलन समेत प्रचार- प्रसार पर वित्त वर्ष 2023-24 में 150 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया। क़र्ज़ में डूबी प्रदेश सरकार इस सत्र में अपने इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करेगी। बजट में सबसे ज्यादा फोकस लाड़ली बहना योजना पर होने की उम्मीद है। वहीं अब यह खबर आ रही है कि सरकार लाड़ली बहना योजना की ब्रांडिंग पर ही करीब 150 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगी।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ लाड़ली बहना योजना की ब्रांडिंग में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी। योजना की ब्रांडिंग के लिए राज्य और जिला स्तरीय सम्मेलन समेत प्रचार- प्रसार पर वित्त वर्ष 2023-24 में 150 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके बाद अगले साल से प्रचार प्रसार खर्च की राशि पांच करोड़ रुपए सालाना होगी।

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान खुद योजना को हर मंच से प्रचारित कर रहे हैं। साथ ही सियासी गलियारों में भी इस योजना की खासी चर्चा है। बताया जा रहा है कि अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में इस योजना के शुरुआती दौर में दस हजार करोड़ रुपए अनुदान के रूप में दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

दूसरी ओर सरकार सरकार पर क़र्ज़ का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश सरकार पर तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। इसके बाद भी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर चुनावी घोषणाएं की जा रही हैं। केवल विकास यात्राओं में ही 24309 भूमि पूजन किए गए हैं। विकास यात्राओं के आयोजन पर भी सरकार ने बड़ी राशि खर्च की है।

नए साल के शुरुआती दो महीने में ही सरकार बजट से पहले चार बार में 11000 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। इसमें से अभी 8 हजार करोड़ का क़र्ज़ लिया जा चुका है। शेष क़र्ज़ लिया जाना है। 28 फरवरी को 20 साल के लिए आईबीआई के माध्यम से सरकार 3000 करोड़ रुपए का कर्ज और लेगी।

बड़ी बात यह है कि जब साल 2003 तक राज्य पर 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। उस समय मध्यप्रदेश के प्रति व्यक्ति पर लगभग 3,300 रुपये का कर्ज था लेकिन यह कर्ज दिन दोगुना और रात चौगुना बढ़ता चला गया। वर्तमान में सरकार पर 3.32 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और अब सरकार लगभग 20,000 करोड़ रुपये तो केवल ब्याज ही चुका रही है।

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