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गैर BJP पार्षदों की A to Z डिटेल मांगी, ब्लेकमेलिंग का नया टूल?

नगरीय निकाय के प्रशासनिक अधिकारियों से कांग्रेस और अन्य दलों के सभी पार्षदों का मांगा संपूर्ण ब्यौरा, कांग्रेस ने उठाए सवाल

भोपाल,(जोशहोश डेस्क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में नगरीय निकाय के प्रशासनिक अधिकारियों के पास भोपाल से भेजा गया एक फॉर्म सुर्ख़ियों में हैं। फॉर्म में प्रशासनिक अधिकारियों से उनके नगर निकाय के गैर भाजपा पार्षदों का ब्योरा माँगा गया है। कांग्रेस ने इस फॉर्म को गैर भाजपाई पार्षदों के खिलाफ ब्लेकमेलिंग का हथियार बताया है।

कांग्रेस ने सोमवार को इस मामले को उठाया। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा और प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि नगरीय निकाय के प्रशासनिक अधिकारियों से कांग्रेस और अन्य दलों के सभी पार्षदों का संपूर्ण ब्यौरा मांगा गया है। फॉर्म में स्पष्ट लिखा है भाजपा छोड़कर अन्य पार्षदों की जानकारी भेजी जाए।

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि फॉर्म में यह जानकारी तक माँगी गई है कि इन पार्षदों के ऊपर किसका प्रभाव है? और ये किन लोगों से इनके संपर्क हैं?, इसकी जानकारी भी मांगी गई है। यह फॉर्म भर के संबंधित नगर निकाय के अधिकारी को भोपाल भेजना है।

मीडिया से चर्चा में फॉर्म को दिखाते हुए कांग्रेस नेताओं ने बताया कि फॉर्म में स्पष्ट पूछा गया है कि गैर भाजपा के पार्षद का व्यवसाय क्या है? व्यवसाय वैध है या अवैध है? उन्होंने कोई अतिक्रमण किया है या नहीं? पार्षद अपराधी प्रवृत्ति क्या है तो उसकी जानकारी दी जाए।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में हम पहले ही कह चुके हैं कि किस तरह कलेक्टर और एसपी जैसी संस्था का दुरुपयोग किया गया। कांग्रेस के सदस्यों का अपहरण करने का काम खुद पुलिस को सौंपा गया और अब इस तरह की प्रक्रिया का सीधा सा मतलब है कि कांग्रेस के पार्षदों के ऊपर दबाव डाला जाए, उनके ऊपर फर्जी केस बनाए जाएं और कैसे भाजपा में शामिल होने का दबाव डाला जाएगा?

कांग्रेस ने चेतावनी दी कि जो भी अधिकारी इस तरह के कार्य में शामिल होंगे उनके खिलाफ कांग्रेस पार्टी क्रिमिनल कल्पेबिलिटी का केस दर्ज कराएगी। साथ ही कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि हम यह जानना चाहते हैं कि किसके आदेश पर इस तरह का फॉर्म विभिन्न जिलों के नगर निकाय के साथ में अधिकारियों को भेजा गया है।

निर्वाचन आयोग से शिकायत

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग से मुलाकात कर इस संबंध में शिकायत की है। कांग्रेस का कहना है कि अगर इस प्रक्रिया को तुरंत रोका नहीं गया तो कांग्रेस राज्य के चीफ सेक्रेटरी, संबंधित जिले के कलेक्टर, राज्य निर्वाचन आयोग और अन्य संबंधित जिम्मेदार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायेगी और मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाएगी।

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