एक साल पहले कल ही के दिन कोरोना ने दी थी मध्यप्रदेश में दस्तक

मध्यप्रदेश में ठीक एक साल पहले कल ही के दिन कोरोनावायरस का पहला मरीज़ सामने आया था।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में ठीक एक साल पहले कल ही के दिन कोरोनावायरस का पहला मरीज़ सामने आया था। ठीक एक साल बाद प्रदेश प्रदेश में कोरोना आउट ऑफ कंट्रोल होता जा रहा है। केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि MP के इंदौर, भोपाल सहित 10 जिलों में स्थिति गंभीर है। पिछले चार माह से कोरोना की रफ्तार धीमी होती जा रही थी। लेकिन मार्च में संक्रमण बढ़ता जा रहा है। चिंताजनक बात यह है कि संक्रमण की दर 10 दिन में दो गुना हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 917 नए केस मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा इंदौर में 294 मरीज मिले, जबकि भोपाल में यह आंकड़ा 184 है। इससे पहले प्रदेश में 27 दिसंबर 2020 को 946 मरीज मिले थे। चिंता की बात यह है कि एक्टिव केसों की संख्या 6 हजार के पार हो गई है।

प्रदेश में कल ही के दिन कोरोना का पहला केस मिला था। जबलपुर के एक व्यापारी की ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर जांच की थी। उसकी 18 मार्च 2020 को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इतना ही नहीं, उनकी पत्नी और दो बेटियां भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। भोपाल में पहला केस 22 मार्च सामने आया था।

दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार ने गुरुवार को पड़ोसी राज्य में कोरोनोवायरस के मामलों में खतरनाक वृद्धि के मद्देनजर 20 मार्च से महाराष्ट्र से यात्री बसों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम आयुक्तों और जिला कलेक्टरों के साथ COVID-19 स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैठक के दौरान यह निर्णय लिया। सरकार ने पहले से ही सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों को सप्ताह भर के संगरोध में रखने की सलाह दी है।

ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम और छिंदवाड़ा सहित महामारी से प्रभावित जिलों में बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान सुबह 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेंगे।

इंदौर और भोपाल शहरों में, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू बुधवार से लागू है। टीकाकरण लक्ष्य प्रत्येक जिले के लिए लक्ष्य निर्धारित करके प्रति दिन 5 लाख खुराक तक उठाया जाएगा। चौहान ने यह भी कहा कि टीके की खुराक का अपव्यय “राष्ट्रीय अपव्यय” था और ऐसा नहीं होना चाहिए।

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