ओंकारेश्वर में बनने जा रहा है पानी पर तैरने वाला दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट

मध्यप्रदेश के रीवा जिले में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट शुरू होने के बाद अब बारी ओमकारेश्वर की है।

रीवा (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश के रीवा जिले (Rewa News) में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट (Solar Plant) शुरू होने के बाद अब ओमकारेश्वर (Omkareshwar) में पानी में तैरने वाला दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट बनने जा रहा है। जो जनवरी 2023 तक बिजली उत्पादन शुरू भी करदेगा। इस बात की जानकारी मंगलवार को नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डांग (Hardeep Singh Dang) ने दी है, उनके द्वारा दी गई आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध पर बनने वाली दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना 2022-23 तक बिजली उत्पादन शुरू कर देगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये है। इस योजना के जरिए दिसंबर 2022 तक प्रदेश सरकार 4500 मेगावॉट सोलर ऊर्जा का लक्ष्य रखा है।

इसी महीने शुरू होगा योजना का काम
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम, विश्व बैंक और पावर ग्रिड ने फ्लोटिंग सोलर पैनल परियोजना के लिए सहायता प्रदान करने के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है, साथ ही विश्व बैंक के सहयोग से परियोजना की प्राथमिक मूल्यांकन रिपोर्ट भी पूरी हो चुकी है। जिसके बाद मंत्री डांग ने कहा है कि ट्रांसमिशन लाइन रूट सर्वे का काम इस महीने पावर ग्रिड द्वारा परियोजना क्षेत्र से खंडवा सब-स्टेशन तक शुरू होगा। जिसके बाद फ्लोटिंग सोलर प्लांट को 2023 तक शुरू कर दिया जाएगा।

कैसे होगा बिजली का उत्पादन
इस परियोजना के तहत ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में 600 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता के फ्लोटिंग सोलर पैनल होंगे। यह अनुमान है कि 2 साल में, परियोजना सस्ती और अच्छी गुणवत्ता की बिजली प्रदान करना शुरू कर देगी। बांध में सोलर पैनल लगाकर लगभग 2000 हेक्टेयर जल क्षेत्र में बिजली का उत्पादन किया जाएगा। जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जलाशय में पानी की सतह पर सौर पैनल तैरेंगे। जब बांध का जल स्तर कम होगा, तो यह अपने आप ही ऊपर और नीचे की ओर एडजस्ट हो सकेंगे। मजबूत लहरों और बाढ़ का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सूर्य की किरणें बिजली का उत्पादन जारी रखेंगी।

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सोलर ऊर्जा के मामले में मध्यप्रदेश की क्या स्थिति है
ऊर्जा विकास निगम के एमडी दीपक सक्सेना का कहना है कि सोलर ऊर्जा के मामले में मध्यप्रदेश एक उभरता हुआ राज्य है। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट के शुभारंभ के बाद मध्यप्रदेश को काफी तारीफे मिली थी। जिसके बाद कई जगह से डेवलपर मध्यप्रदेश के तरफ आकर्षित हो रहे हैं। उनका कहना है कि चाहे सोलर प्रोजेक्ट हो, विंड हाइड्रो योजना हो या फिर रूफटॉप इन सब में अगर हम सोलर से एनर्जी ले सकते है तो इसमें कोई डाउट नहीं है कि मध्यप्रदेश सोलार पॉवर के लक्ष्य में देशभर में एक उदाहरण बनकर उभरेगा।

रीवा में है देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट
मध्य प्रदेश के रीवा में देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है। 750 मेगावॉट क्षमता के इस अल्ट्रा मेगा सोलर योजना रीवा जिले के गुढ़ तहसील में 1270.3 हेक्टेयर सरकारी भूमि और 335.7 हेक्टेयर निजी भूमि पर है। इस परियोजना पर 4500 करोड़ रूपये की लागत आई है। यह देश का एकमात्र सोलर पार्क है। मुरैना, सागर, छतरपुर में भी सोलर प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। मध्यप्रदेश में दिसंबर 2022 तक साढे़ 4000 मेगावाट सोलर ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 1500 मेगावॉट का काम शुरू हो गया है।

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