शराब की खपत बढ़ाने पर सरकार का मंथन, अब किस पर चलेगा लट्ठ ?

उमा भारती की चेतावनी के बीच प्रदेश में शराब की खपत बढ़ाने को लेकर आज एक बड़ी बैठक

भोपाल (जोशहोश डेस्क) एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती प्रदेश में शराबबंदी के लिए 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम अपनी ही सरकार को दे चुकी हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार के अधिकारी शराब की खपत बढ़ाने के लिए मंगलवार को मंथन कर रहे हैं। उमा भारती कह चुकी हैं कि शराबबंदी जागरुकता नहीं ‘लट्ठ’ से ही संभव है। ऐसे में सवाल यह है कि जब प्रदेश के अधिकारी ही शराब की खपत बढ़ाने बैठक कर रहे हों तो लट्ठ आखिर किस पर चलेगा?

प्रदेश में शराब की खपत बढ़ाने को लेकर आज एक बड़ी बैठक हो रही है। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में आबकारी आयुक्त समेत विभाग के सभी अधिकारियों को शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक के लिए वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी पत्र वायरल भी है-

इस पत्र पर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा मुताबिक राज्य में मदिरा की खपत बढ़ाने संबंधी मंथन राज्य के डिस्टलरी मालिकों को लाभ पहुंचाने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि इस बैठक को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।

वहीं यह पत्र भाजपा की अंदरूनी सियासत में भी उबाल लाएगा क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हैं। बीते दिनों उमा भारती ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि शराबबंदी जागरुकता से नही लट्ठ से ही हो सकती है।

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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उमा भारती ने यहाँ तक कहा था कि मैं शिवराज जी ओर विष्णुदत्त शर्मा को 15 जनवरी तक का समय देती हूं। अगर 15 जनवरी तक शराबबंदी नही की तो फिर मैं सड़क पर उतर जाउंगी। तब तक प्रदेश में शराबबंदी को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।

इससे पहले उमा भारती ने 2 फ़रवरी को भी ऐलान किया था कि 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर शराबबंदी के खिलाफ अभियान शुरू किया जायेगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मध्य प्रदेश की बेटी खुशबू इस अभियान का नेतृत्व करेंगी। हालांकि इस के बाद उमा भारती के तेवर ढीले पड़ गए थे। उमा भारती शराबबंदी को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से भी अनुरोध कर चुकी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा था कि ‘मैं सार्वजनिक अपील करती हूं कि बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी करिए।

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