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‘कर्तव्य पथ पर डटे राहुल, अहंकारी सत्ता सच को दबाने आजमा रही हर हथकंडे’

मोदी सरनेम मामले में बरकरार रहेगी राहुल गांधी की दो साल की सजा, फैसले पर प्रियंका गांधी ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दो साल की सजा बरकरार रहेगी। गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में राहुल गांधी की लड़ाई को अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई बताया है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी फैसले पर प्रतिक्रिया में लिखा कि राहुल गांधी ने सत्य की कठिन राह पकड़ी है। हम सब उनके साथ हैं। वहीं कांग्रेस अब इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे सकती है।

प्रियंका गांधी ने अपनी लम्बी प्रतिक्रिया में लिखा

“समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे
समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे
समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर”
श्री राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए।
अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट: सब अपना रही है।
लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है।
इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं।
सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी।
जय हिंद।

गौरतलंब है कि राहुल गांधी ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए सूरत कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की थी लेकिन कोर्ट ने इस पर सुनवाई से इनकार कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को गुजरात हाई कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की। इसके बाद 2 मई को हाई कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। वहीं इसके अगले दिन 24 मार्च को राहुल की सांसदी चली गई थी।

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