मंडला: तीन आदिवासियों की नृशंस हत्या, इंटेलिजेंस फेल-बेखौफ अपराधी

छत पर सो रहे तीन आदिवासियों का रेता गला, एक किलोमीटर दूर पेड़ पर लटका मिला महिला का कटा सिर।

मंडला/भोपाल (जोशहोश डेस्क) सिवनी में आदिवासियों की हत्या पर आक्रोश अभी थमा भी नहीं था कि मंडला में तीन आदिवासियों की जघन्य हत्या हो गई। मंडला में छत पर सो रहे तीन आदिवासियों का गला रेत दिया गया। मृतकों में एक महिला भी शामिल है जिसका कटा हुआ सिर एक किलोमीटर दूर पेड़ पर लटका मिला। इस तिहरे हत्याकांड ने एक बार फिर शिवराज सरकार की कानून व्यवस्था पर सवालिए निशान उठा दिया।

यह वीभत्स हत्याकांड मंडला के मोहगांव थाना क्षेत्र के ग्राम पातादेई गाँव में हुआ। सोमवार देर रात यहाँ तीन लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी। मृतकों में 12 साल की एक नाबालिग और एक महिला भी शामिल है। परिवार के सदस्य घर की छत पर सोए थे। इस दौरान अज्ञात हमलावर ने घटना को अंजाम दिया। मृतकों की पहचान नरबद वरकड़े आयु 62 वर्ष, सुकरती बाई आयु 56 वर्ष और उनकी 13 वर्षीय नातिन के रूप में हुई है।

सिवनी में आदिवासियों की हत्या को लेकर शिवराज सरकार पहले ही बैकफुट पर थी। अब इस तिहरे हत्याकांड से सरकार और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। कांग्रेस ने इस हत्याकांड के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का इस्तीफ़ा माँगा है और कहा है कि सरकार का इंटेलिजेंस पूरी तरह फेल साबित हो रहा है जिससे प्रदेश में अपराधी बेखौफ हो गए हैं।

राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में बढ़ते हुए अपराध और विशेष कर अजा व अजजा के परिवारों पर बढ़ते हुए जुल्मों को देखते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग की-

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने बीती रात मंडला में तीन आदिवासियों की बेरहमी से की गई हत्या को प्रदेश में जारी अराजकता और ध्वस्त कानून व्यवस्था का परिणाम बताया है। गोविंद सिंह ने कहा कि यह जघन्य हत्याकाण्ड अपराधियों के बुलंद हौसलों को स्पष्ट कर रहा है, जिन्हें खाकी वर्दी का खौफ नहीं बचा है।

डॉ सिंह ने सवाल उठाया कि आखिरकार क्या कारण है कि प्रदेश के चारों और दंगे, तनाव, कर्फ्यू, पुलिस पर हमले और पुलिसकर्मियों की शहीदी तक के मामले सामने आ चुके हैं। निरंकुश सरकार और प्रशासन क्या कर रहा है? उन्होंने कहा कि जब इन स्थितियों का पूर्वानुमान आमजन को पहले से ही है या हो रहा है, तब सरकार की गुप्तचर एजेंसी को क्या इसकी जानकारी नहीं है? यदि है तो किसके दबाव या सरंक्षण में इस तरह की घटनाओं की उत्पत्ति हो रही है या इंटेलिजेंस का फेलियर है? सरकार को गंभीर मुद्दों पर अपनी स्थिति सार्वजनिक करना चाहिए।

उधर घटना को लेकर परिजनों सहित ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। मौके पर एसपी, एएसपी, एसडीओपी पहुंच चुके है। मामले की जांच जारी है। अभी यह साफ़ नहीं हो सका है कि हमलावर एक था या एक ज्यादा लोगों ने वारदात को अंजाम दिया है? हत्याकांड के कारणों का नहीं खुलासा नही हो पाया है। मोहगांव पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

Exit mobile version