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निकाय चुनाव: BJP से आगे निकली कांग्रेस, नाम तय-प्रचार शुरू

कांग्रेस ने प्रदेश के 16 नगर निगमों में से अधिकांश में नाम किये तय, भाजपा में नामो को लेकर ही चल रही माथापच्ची

भोपाल (जोशहोश डेस्क) नगरीय निकाय के चुनाव के लिए इस बार कांग्रेस सुनियोजित और सधी हुई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरती दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने प्रदेश के 16 नगर निगमों में से अधिकांश में नाम तय कर लिए हैं जिसके चलते कांग्रेस के उम्मीदवार न सिर्फ चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं बल्कि उनके साथ जनता का हुजूम भी नज़र आ रहा है। वहीं भाजपा में नामो को लेकर ही माथापच्ची चल रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने निकाय चुनाव की अपनी रणनीति के चलते नाम चयन में बाज़ी मार ली है। कांग्रेस ने इंदौर और भोपाल समेत सभी बड़े नगर निगमों में नाम तय कर उन्हें प्रचार के लिए हरी झंडी दे दी है।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने महापौर पद के लिए नाम तय करने की कवायद काफी पहले ही शुरू कर दी थी। अब पार्टी जल्द ही नामों का आधिकारिक ऐलान भी कर देगी। ख़ास बात यह है कि नाम तय होने के बाद पूरी कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के साथ खड़ी नज़र आ रही है। कमलनाथ ने क्षेत्रवार पार्टी के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी भी सौंप दी है।

इंदौर में कांग्रेस ने विधायक संजय शुक्ला का नाम कोरोनाकाल से पहले ही महापौर पद के लिए तय माना जा रहा है। उज्जैन से विधायक महेश परमार, ग्वालियर से विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार का नाम लगभग तय है। इसी तरह भोपाल से पूर्व महापौर विभा पटेल को पार्टी फिर मैदान में उतारने जा रही है। सागर से सुनील निधि जैन नाम भी तय सा है।

दूसरी ओर बीजेपी अभी तक महापौर पद के लिए अपने प्रत्याशियों का चयन नहीं कर पाई है। हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के तीन दिन के प्रवास के बाद भी बीजेपी न तो प्रत्याशी चयन कर पाई है, न ही समितियों का गठन कर पाई है। नामों को लेकर चल रही उहापोह के कारण बीजेपी कार्यकर्ता भी उत्साह में नज़र नहीं आ रहे हैं।

वर्तमान में प्रदेश के सभी 16 नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। अगर कांग्रेस के डेढ़ साल के कार्यकाल को छोड़ दिया जाये तो करीब 18 साल से प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है। इसके बाद भी नगरीय निकायों में विकास और मूलभूत सुविधाओं को लेकर जबर्दस्त नाराजगी दिखाई दे रही है। साथ ही महँगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के चलते भी निकाय चुनावों में बीजेपी फिलहाल तो बैकफुट पर दिखई दे रही है।

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