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प्रजातंत्र का प्रयोग: पत्रकारिता की मिसाल या देशभक्ति की फर्जी तुकबंदी?

जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद इंदौर से प्रकाशित अखबार प्रजातंत्र का प्रयोग सोशल मीडिया में वायरल।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत के हैलीकॉप्टर हादसे में निधन के बाद इंदौर से प्रकाशित अखबार प्रजातंत्र का एक प्रयोग सोशल मीडिया में वायरल है। इस प्रयोग को सोशल मीडिया में एक वर्ग पत्रकारिता की मिसाल बता रहा है तो वहीं दूसरा वर्ग इसे देशभक्ति की फर्जी तुकबंदी और मक्कारी करार दे रहा है।

दरअसल जनरल रावत के निधन के बाद प्रजातंत्र अखबार ने जनरल रावत की शादी की फोटो छापते हुए लिखा था कि- माफ कीजिएगा…हम कटरीना की शादी की फोटो नहीं छाप रहे क्योंकि आज उस ग्लैमर से ज्यादा जरूरी है यह पवित्र स्मरण।

जनरल रावत की असामयिक मौत के बाद उमड़ी देशभक्ति की भावना के बीच सोशल मीडिया में एक वर्ग ने प्रजातंत्र के इस प्रयोग को साहसिक और पत्रकारिता की मिसाल बताया। ऐसा मानने वालों में कई नामी गिरामी पत्रकार और राजनेता भी शामिल रहे।

द सूत्र के एडिटर इन चीफ आनंद पांडेय ने इस रचनात्मकता को सबसे बेहतर श्रद्धांजलि बताया। न्यूज़ 18 एमपी के सीनियर एडिटर प्रवीण दुबे ने भी इस प्रयोग के लिए प्रजातंत्र को सलाम किया। भाजपा के प्रदेश सह संगठन महामंत्री हितानन्द ने इसे शानदार प्रयोग बताया-

दूसरी ओर सोशल मीडिया में एक वर्ग ऐसा भी रहा जिसने इस प्रयोग पर प्रजातंत्र को आड़े हाथों लिया। इस वर्ग का मानना था प्रजातंत्र ने अनावश्यक रूप से कटरीना के विवाह को जनरत रावत के निधन से जोड़ महानता का परिचय देने का प्रयास किया-

जमशेद कमर सिद्दीकी ने फेसबुक पर लिखा-


महानता और मक्कारी में धागे भर का ही फर्क होता है। जनरल साहब की ये तस्वीर बिना कटरीना के ज़िक्र के भी छापी जा सकती थी। लेकिन उससे ‘प्रजा तंत्र’ की महानता पता नहीं चलती। किसी की ज़िंदगी के सबसे खास मौक़े को कितना छोटा बना दिया गया। हालांकि ये बेच अभी भी कटरीना का नाम ही रहे हैं। वैसे देश में भी यही पैटर्न चल रहा है आप किसी वर्ग के लिए कुछ कीजिए या ना कीजिए, उसे दूसरे से नफरत करना जरूर सिखा दीजिए। क्योंकि नफ़रत दुनिया की सबसे बिकाऊ चीज़ है, जो हाथों–हाथ ख़रीद ली जाती है।

वहीं डी पंकर ने अपनी वॉल पर लिखा-


जाहिर है जब पूरा देश जनरल विपिन रावत के असमय निधन से भारी दुखी है ऐसे में उनकी शहादत के अवसर पर उनकी शादी की फ़ोटो छापना और उसमें जबरदस्ती कैटरीना की शादी का एंगल घुसेड़ना बिल्कुल बिना सिर-पैर के जबरदस्ती देशभक्ति का समीकरण बैठाने की कोशिश की लग रही थी। सुबह-सुबह प्रजातंत्र अख़बार को बाजार में देशभक्ति बेचनी थी तो प्रजातंत्र ने फर्जी तुकबंदी करके देशभक्ति बेचने की कोशिश की। शाम तक मार्केट में कैटरीना-विकी चल रहा था तो प्रजातंत्र अख़बार का डिजिटल प्लेटफार्म कैटरीना के हनीमून पैकेज की डिटेल छापने लगा। सोचिए सुबह जिस अख़बार को कैटरीना की शादी की फोटो भी नहीं छापनी थी वो शाम तक कैटरीना की शादी का हनीमून पैकेज गा रहा था।
मतलब जैसा हो मौसम वैसी ही गाएंगे सरगम

गौरतलब है कि तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ पत्नी मधुलिका के अलावा सेना के 13 जवान सवार थे। हेलिकॉप्टर हादसे के इकलौते सर्वाइवर भोपाल निवासी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बैंगलुरू में इलाज़ चल रहा है। शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया था।

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