सत्य की लड़ाई के लिए सरकार से टकराने को तैयार रेंजर दुबे!

इंदौर (जोशहोश डेस्क) बड़गोंदा के उपरेंजर राम सुरेश दुबे ने कुछ दिनों पूर्व आरोप लगाया था कि उनके द्वारा अपनी रेंज में जब्त किए गए ट्रेक्टर, ट्रॉली और जेसीबी को मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थकों ने जबरन छुड़ा कर ले गए थे। इस मामले के सामने आने के बाद वनरक्षक राम सुरेश दुबे का तबादला कर दिया गया था। अब उन्होंने अपना पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट बैंच में आवेदन दिया है, जिसकी जल्द ही सुनवाई होनी है।

इस पूरे मामले की चर्चा कर्मप्रताप मैगजीन के एडिटर दिलीप सिंह सेंगर ने उनसे मोबाइल पर बात करते हुए कि, उसमें वह कह रहे हैं कि दबाव है, लेकिन मैं किसी से नहीं डरता। मैं तो अपनी ड्यूटी कर रहा था।

सुनिए ऑडियो

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कर्मप्रताप मैगजीन के एडिटर दिलीप सिंह सेंगर और रामसुरेश दुबे की बातचीत

यह है मामला

10 जनवरी को वनक्षेत्र महू की बड़गोंदा बीट के कक्ष क्रमांक 66 में अवैध रूप से खुदाई की जा रही थी। यहां पर बिना अनुमति के ही मुरम सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। शिकायत प्राप्त होने पर इस मामले में कार्यवाई करते हुए एक जेसीबी क्रमांक एमपी 41 एचई 0576, ट्रैक्टर और ट्रॉली को जब्त कर प्रकरण कायम किया गया था और इन वाहनों को वन परिसर में खड़ा कर दिया गया था।

फारेस्ट विभाग द्वारा अवैध उत्खनन मामले में जब्त किए गए इन वाहनों को बाद में बीजेपी कार्यकर्ताओं और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर द्वारा कथित तौर पर छुड़ा कर ले जाया गया था। इसके बाद राम सुरेश ने मंत्री सहित कई अन्य लोगों को नामजद कर बड़गोंदा थाने में आवेदन दिया था। इसके बाद वनमंत्री विजय शाह ने एक कमेटी का गठन किया जिसमें दो एपीसीसीएफ की कमेटी बनाई। राम सुरेश के अनुसार उन पर आवेदन में बदलाव का दबाव भी बनाया गया था। इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया। जिससे आहत होकर उन्होंने हाईकोर्ट की इंदौर बैंच में आवेदन दिया है।

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