गुजरात या हिमाचल, MP में किस फॉर्मूले के साथ चुनाव में उतरेगी BJP?

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद सुर्खियों में मध्यप्रदेश की सियासत

भोपाल (जोशहोश डेस्क) गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव नतीजों से मध्यप्रदेश की सियासत भी सुर्खियों में है। मध्यप्रदेश में अब तक सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही होता आया है और गुजराज और हिमाचल के नतीजे दोनों ही दलों के लिए बड़े संदेश माने जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा दोनों का ही मानना है कि गुजरात के नतीजे मध्यप्रदेश में भी दोहराए जाएंगे लेकिन भाजपा में इस बात को लेकर उलझन भी है कि आखिर मध्यप्रदेश में किस रणनीति के साथ पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी।

सवाल यह है कि क्या मध्यप्रदेश में चुनावी जीत का गुजरात फॉर्मूला अपनाएगी या हिमाचल की रणनीति के साथ चुनाव मैदार में उतरेगी? गुजरात में भाजपा ने लंबे समय से सत्ता के कारण उपजी एंटी इन्कम्बेंसी से निपटने मुख्यमंत्री के साथ पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया था। साथ ही बड़ी संख्या में विधायकों के टिकट पर कैंची चला दी थी। नतीजों से साफ है कि गुजरात में भाजपा की यह रणनीति सपफल रही और सत्ता में उसने धमाकेदार वापसी कर ली है।

दूसरी ओर हिमाचल में भाजपा ने पांच साल में सरकार बदलने के रिवाज के बाद भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ही चेहरा बनाया। बेशक यहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही चुनावी चेहरा थे लेकिन भाजपा का जयराम ठाकुर पर लगाया गया दांव असफल साबित हुआ और पार्टी सत्ता से बाहर हो गई।

ऐसे में सवाल यह है कि भाजपा इन दोनों राज्यों में अपनाई किस रणनीति को मध्यप्रदेश में अमल में लाएगी। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के 15 महीनो को छोड़ दिया जाए तो 2003 से ही भाजपा ही सत्ता में है। राज्य में एंटी इन्कम्बेंसी की बात भी संगठन तक पहुंच चुकी है। बड़ी बात यह भी है कि मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आकर्षण गुजरात जैसा नहीं है। ऐसे में देखना यह है कि भाजपा चुनावी चेहरे पर क्या रणनीति अपनाती है?

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