संशोधित नियम असंवैधानिक, HC ने निरस्त किया MPPSC 2019 का रिजल्ट

हाईकोर्ट ने 17 फरवरी 20 को हुए संशोधित नियम को बताया असंवैधानिक, पुराने नियमों के अनुसार रिजल्ट तैयार करने के दिए निर्देश।

जबलपुर (जोशहोश डेस्क) MPPSC की 2019 का परीक्षा परिणाम निरस्त कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए MPPSC की 2019 की प्रारंभिक और मुख्य दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट निरस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने 17 फरवरी 20 को हुए संशोधित नियम को असंवैधानिक बताया और पुराने नियमों के अनुसार रिजल्ट तैयार करने के निर्देश दिए।

MPPSC की 2019 की परीक्षा में कुल 330 पद थे जिनमें SDM , DSP जैसे प्रमुख पद भी शामिल थे। इसकी प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद था। आरोप था कि विवादित नियमों के तहत PSC ने परिणाम जारी किये थे। जिसके खिलाफ 60 छात्रों की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं।

सुनवाई पूरी होने के बाद आज 89 पृष्ठ के दिए गए आदेश के आधार पर हाईकोर्ट ने 2019 की परीक्षा के मुख्य और प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों को निरस्त कर दिया है।

परीक्षा को लेकर सरकार ने 17 फरवरी 2020 को नियमों में संशोधन किया था। इसमें आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4(4) के संशोधित अधिनियम को चुनौती दी गई थी। नए नियम के तहत आरक्षित श्रेणी के प्रतिभावान छात्रों को सामान्य श्रेणी में शामिल न करने का नियम बना था। विवादित नियमों के अंतर्गत ही पीएससी ने रिजल्ट जारी किए थे।

उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह द्वारा आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) और संशोधन दिनांक 17 फरवरी 2020 सहित रिजल्ट को चुनौती दी गई थी। मामले पर लगभग 60 छात्र-छात्राओं द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर की गई हैं।

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