दहाड़ें मारते-सिर पटकते किसान, जितना नुकसान उतना हो भुगतान
प्रशासन ने नुकसान का सर्वे तो शुरू किया है लेकिन किसानों तक आर्थिक मदद कब तक पहुंचेगी यह सवाल बना हुआ है।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार तीन दिन से हो रही भारी बारिश और ओलावृष्टि ने खड़ी फसल चौपट कर दी है। खेत में बर्बाद फसल देख किसान का कलेजा फट रहा है। सोशल मीडिया पर दहाड़ें मार रोते और मुआवजे के लिए नेता-अधिकारियों के पैरों में सिर पटक रहे किसानों के वीडियो वायरल हैं। किसानों के नुकसान की तत्काल भरपाई की मांग भी उठ रही है।
बारिश और ओलावष्टि से सबसे अधिक नुकसान शिवपुरी, भिंड दतिया निवाड़ी, छतरपुर,रायसेन और विदिशा समेत 18 जिलों में हुआ है। करीब 100 से ज्यादा कस्बों के पांच सौ गांवों में खड़ी फसल को बर्बाद हो गई है। बिलख बिलखकर रोते किसानों के वीडियो फसलों की बर्बादी की कहानी कह रहे हैं।
प्रशासन ने नुकसान का सर्वे तो शुरू किया है लेकिन किसानों तक आर्थिक मदद कब तक पहुंचेगी यह सवाल बना हुआ है। सवाल यह भी है कि क्या किसानों के नुकसान का समुचित आकलन हो पाएगा और किसानों को नुकसान का पूरा भुगतान हो पाएगा?
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी यह सवाल उठाया है-
गौरतलब है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल जल्द से जल्द सर्वे कर किसानों को राहत राशि दिए जाने के निर्देश स्थानीय अधिकारियों को दे चुके हैं। जिलों में कलेक्टर और अन्य अधिकारी भी सर्वे पर हैं लेकिन इस सर्वे से नुकसान का आकलन और उसके बाद किसानों तक मदद पहुंचने में लगने वाला समय कितना होगा यह तय नहीं है।