मुश्किल है छतरपुर और सिवनी में मेडिकल कॉलेज बनना…

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज (Medical College) का निर्माण केंद्र और राज्य के सहयोग से होना है। लेकिन प्रदेश के दो जिलों छतरपुर और सिवनी में मेडिकल कॉलेज (Medical College) को लेकर दो साल से विवाद ही चल रहा है। इन जिलों में कॉलेज बनने की घोषणा तो बहुत पहले हो गई लेकिन अभी टेंडर भी नहीं हुए हैं।

छतरपुर और सिवनी जिले में मेडिकल कॉलेज के निर्माण की अनुमति पिछली भाजपा सरकार में दी गई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार के समय इन पर रोक लगा दी गई थी। इस वजह से इन दोनों मेडिकल कॉलजों के न तो टेंडर हुए और न ही जिला अस्पतालों में इसके लिए पदों पर नियुक्तियां हुई हैं।

आर्थिक संकट के चलते लगी थी निर्माण में रोक

पिछली शिवराज सरकार ने छतरपुर और सिवनी में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया था। इन कॉलेजों के लिए केंद्र की अनुमति नहीं मिली थी, इसलिए राज्य सरकार इनका निर्माण अपने बज़ट से कराना चाहती थी। इसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस सरकार ने आर्थिक संकट के चलते इन दोनों मेडिकल कॉलेज के निर्माण पर रोक लगा दी। इन दोनों कॉलेजों का निर्माण 300-300 करोड़ की लागत से कराया जाना था।

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लंबे समय से है मेडिकल कॉलेज का इंतजार

बता दें कि इन दोनों जिलों में लंबे समय से मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग की जा रही है। सिवनी जिले में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा कर चुके हैं कि यहां मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

पीआईयू के डायरेक्टर अखिलेश अग्रवाल की मानें तो सिवनी मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सिवनी मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराने, कॉलेज की बिल्डिंग सहित अन्य भवनों के निर्माण को लेकर सीएम ने टेंडर जारी करने के निर्देश दिए हैं। हम इस प्रोजेक्ट की जल्द डीपीआर बनाने जा रहे हैं, इसके बाद इसके टेंडर जारी किए जाएंगे।

कॉलेज निर्माण में केंद्र का 60 और राज्य का 40 फीसदी अंश

नीमच, मंदसौर, रतलाम, गुना, विदिशा, मंडला और छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति केंद्र सरकार ने दी थी। कॉलेज के निर्माण में 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार की रहेगी, वहीं राज्य सरकार का 40 फीसदी अंश रहेगा। इन नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 300 से 600 करोड़ की लागत से किया जा रहा है।

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