शिवराज के कोरोना मैनेजमेंट पर भड़के कमलनाथ, बोले-जिम्मेदारी से न भागे सरकार

कोरोना प्रतिबंधों को एकदम से हटाए जाने का फैसला बताया गलत, कड़े कदम उठाये जाने की मांग।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कोरोना की तीसरी लहर और नए वेरिएंट के खतरे को लेकर शिवराज सरकार के निर्णयों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं। कमलनाथ ने कहा है कि कोरोना प्रतिबंधों को एकदम से हटाए जाने का फैसला ठीक नहीं था। जनता को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। प्रदेश सरकार स्थिति को देखते हुए सभी कड़े कदम उठाए।

मंगलवार को कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना प्रतिबंधों को हटाने का निर्णय लिया था तब भी मैंने इसका विरोध करते हुए चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को हटाने की बात कही थी।

कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने जब 17 नवंबर को कोरोना को लेकर लागू तमाम प्रतिबंधो को हटाने का एकाएक निर्णय लिया था, स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया था, आयोजनो को छूट प्रदान करने का निर्णय लिया था, तभी मैंने विरोध किया था और मैंने उसी दिन कहा था कि सरकार को एकदम से तमाम प्रतिबंध हटाने की बजाय ,धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए छूट प्रदान करना थी क्योंकि अभी खतरा टला नहीं है।

उन्होंने आगे लिखा कि तीसरी लहर और नए वेरिएंट की आशंका और खतरा अभी भी सर पर है।18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है,कई पात्र लोगों का अभी तक वैक्सीनेशन होना बाकी है। मैंने सवाल भी उठाए थे कि क्या सरकार ने इस निर्णय लेने के पूर्व कोरोना गाइडलाइन के पालन की संपूर्ण व्यवस्था कर ली है ? ऐसा लग रहा था कि सरकार ने यह निर्णय लेकर जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है और सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। मैंने यह भी कहा था कि सरकार के इस निर्णय के बाद यदि संक्रमण बढ़ता है , जन हानि होती है तो क्या सरकार उसकी जिम्मेदारी लेगी ?

कमलनाथ ने पूरी क्षमता के साथ स्कूल खोले जाने के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूलों को पूरा खोलने का निर्णय भी ठीक नहीं था आखिर सरकार को कई दिन बाद समझ आयी और स्कूलों को लेकर निर्णय लिया गया है कि स्कूल 50% क्षमता से खुलेंगे ,ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी होगी , माता- पिता की सहमति ज़रूरी होगी।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले विश्व भर में सामने आ रहे हैं , तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है , कोरोना के नए केस वापस सामने आना शुरू हो गए हैं , सरकार को तत्काल सभी आवश्यक कड़े कदम उठाना चाहिए , स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की जाना चाहिये, सभी आवश्यक इंतजाम किये जाना चाहिए , कोरोना की गाइडलाइन के पालन को लेकर सभी कदम उठाये जाना चाहिये।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने 22 नवंबर को ही स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने का निर्णय लिया था। हालांकि नए वेरिएंट के खतरे के चलते इस फैसले को सात दिन बाद ही सरकार को बदलना पड़ा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को एक हाईलेवल मीटिंग के बाद यह निर्णय लिया था। नए वैरिएंट के चलते प्रदेश भर में अलर्ट भी किया गया है। भोपाल और इंदौर में विशेष सतर्कता बरती जाएगी।

अगर कोरोना की बात की जाये तो बीते 50 दिन में 500 से ज्यादा नए मामले सामने आये हैं। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 20 नए केस मिले हैं जिनमें 14 भोपाल से और 5 इंदौर से है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण की दर 0.04 % और रिकवरी रेट 98.60% है। प्रदेश में कोरोना के कुल एक्टिव केसों की संख्या 119 है।

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