शिवराज खुद चुनावी मंचों पर स्वीकार कर रहे ‘खाओ और खाने दो’ का सच

प्रदेश कांगेस अध्यक्ष कमलनाथ का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पलटवार

भोपाल (जोशहोश डेस्क) नीति और नियत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आरोपों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पलटवार किया है। कमलनाथ ने शनिवार को कहा कि खाओ और खाने दो की नीति पर कौन सी पार्टी चल रही है यह प्रदेश की जनता देख रही है। मुख्यमंत्री शिवराज खुद चुनावी मंचों से सच को स्वीकार कर खाने वालों के नाम पुकार रहे हैं।

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लेते हुए कहा कि आप ख़ुद कह रहे है कि मुझे सब पता है योजनाओं में कौन-कौन पैसा खा रहा है, अदने अधिकारियों के यहाँ छापो में करोड़ों की काली कमाई निकल रही है। आप के प्रदेश प्रभारी ख़ुद आपकी पार्टी की बैठक में नसीहत देते है कि ना खाऊंगा और न खाने दूँगा सिर्फ़ मंत्रियों के लिए ही नहीं है बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी है।

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछले 17 वर्षों में व्यापम, ई-टेंडर, पौधारोपण, डंपर, नर्मदा सेवा यात्रा, सिंहस्थ, ग़रीबों को सड़े गेहूँ-चावल का वितरण, कोरोना काल में तमाम फ़र्ज़ीवाडे जैसे खाओ और खाने दो के काम ही तो हुए हैं।

माफियाओं के शिवराज के बहुचर्चित बयान पर तंज़ कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि आपकी सरकार ने जो गड्डे माफियाओ के लिए खोदे थे, उसमें माफिया तो गढ़े नही लेकिन उसमें माफ़ियाओं को बचाने के नाम पर की जा रही वसूली ज़रूर प्रदेश भर से रोज़ गढ़ रही है।

गौरतलब है कि रैगांव में आयोजित एक सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि खाओ और खाने दो कांग्रेस की नीति रही है जबकि प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं न खाउंगा न खाने दूंगा। सीएम शिवराज ने यहां वंशवाद को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा था।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। पूर्व मंत्री जुगलकिशोर बागरी के निधन से रिक्त हुई रैगांव सीट पर भाजपा ने प्रतिमा बागरी को अपना उमीदवार बनाया है।

वहीं पूर्व मंत्री जुगलकिशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। पुष्पराज के नामांकन दाखिल करने से प्रतिमा और भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। पुष्पराज बागरी ने गुरुवार को निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है।

पुष्पराज ने 2013 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब वे बसपा की ऊषा चौधरी से 4109 वोटों से हार गए थे। बीजेपी पर यहाँ अपनी सीट बचने का दबाव है। दूसरी ओर कांग्रेस ने इस सीट पर कल्पना वर्मा को दोबारा मैदान में उतारा है। 2018 विधानसभा चुनाव में जुगल किशोर बागरी के खिलाफ भी कांग्रेस ने कल्पना वर्मा पर ही भरोसा जताया था। कल्पना उपचुनाव को देखते हुए पहले ही सक्रिय हो गईं थीं।

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