कमलनाथ के विजन-मैनेजमेंट-एक्शन ने बदली MP की सियासी हवा

मतदान के पहले जो सियासी पंडित कांग्रेस को मुकाबले में भी नहीं मान रहे थे वे अब कांग्रेस के प्रदर्शन से हैरान

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के 16 नगर निगमों के मतदान के पहले तक जो सियासी पंडित कांग्रेस को मुकाबले में भी नहीं मान रहे थे वे अब कांग्रेस के प्रदर्शन से हैरान हैं। कांग्रेस ने निकाय चुनाव में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ पांच नगर निगमों में जीत दर्ज़ की है बल्कि उज्जैन और बुरहानपुर में उसने भाजपा के पसीने छुड़ा दिए। प्रदेश की सियासत की इस बदली हवा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के विजन, मैनेजमेंट और एक्शन का नतीजा बताया जा रहा है।

यह कमलनाथ का ही विजन था कि साल 2018 में सरकार के गठन के साथ ही नगरीय निकाय की तैयारी शुरू करते हुए उम्मीदवारों के चयन पर मंथन शुरू कर दिया था। इसका ही नतीज़ा था कि प्रदेश के नगर निगमों में कांग्रेस मजबूत उम्मीदवार उतारने में कामयाब रही। इस तैयारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने महापौर केंडिडेट के ऐलान में भाजपा को काफी पीछे छोड़ दिया था।

इंदौर में तो कांग्रेस के महापौर उम्मीदवार संजय शुक्ला की उम्मीदवारी का ऐलान करीब दो साल पहले ही हो गया था। भाजपा के मजबूत संगठन से संजय शुक्ला ने जिस तरह लोहा लिया उसके कारण ही इंदौर का चुनाव इस बार सबसे ज्यादा सुर्ख़ियों में रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत पूरे भाजपा संगठन को यहां सड़कों पर उतरना पड़ गया।

कमलनाथ के मैनेजमेंट के चलते ही नगर निगम में कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार एक स्पष्ट रणनीति के साथ के चुनाव मैदान में उतरे। साथ ही स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय की जिम्मेदारी को जिस तरह कमलनाथ ने क्षेत्रवार दिग्गजों को सौंपा उसका भी जमीन पर सकारात्मक परिणाम दिखाई दिया। कमलनाथ ने हर निकाय के मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए उनपर चुनाव प्रचार को फोकस किया। साथ ही निकायवार प्रवक्ता नियुक्त कर उन निकायों की समस्याओं को जनता के समक्ष प्रभावी रूप से रखा।

मैदानी मोर्चे पर भी कमलनाथ खुद ही एक्शन में नज़र आये। सभी नगरीय निकायों में कमलनाथ ने खुद रोड और जनसभाएं कर पूरे प्रचार को खुद पर ही केंद्रित किया। “आपका कमलनाथ, आपके साथ” अभियान के साथ कमलनाथ जनता के बीच पहुंचे और हर निकाय के विकास के लिए अपनी कार्ययोजना जनता के बीच रखी। यही नहीं नगरीय निकायों में प्रबुद्धजनों से संवाद के दौरान निकाय विशेष के लिए कांग्रेस और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप विकास मॉडल तैयार करने की रणनीति भी कारगर साबित हुई।

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