मांग आपूर्ति के साथ बिजली कंपनियों के बकाया-भुगतान की डिटेल दे सरकार: कमलनाथ

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बिजली संकट को लेकर सरकार से स्थिति साफ किये जाने की मांग की है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में एक ओर बिजली संकट लगातार गहराता जा रहा है वहीं सरकार की ओर से बिजली संकट को लेकर विरोधाभासी बयानबाजी हो रही है। बिजली संकट कब तक रहेगा और इसे दूर करने सरकार का क्या प्लान है? यह अभी तक स्पष्ट नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बिजली संकट को लेकर सरकार से स्थिति साफ किये जाने की मांग की है।

कमलनाथ ने शुक्रवार को बिजली संकट को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने प्रदेश में बिजली आपूर्ति के साथ ही निजी कंपनियों से किये गए अनुबंध और उन्हें किए गए भुगतान और बकाए की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है-

कमलनाथ ने ट्वीट कर इन सवालों का जवाब मांगा-

-शिवराज सरकार बताये मध्य प्रदेश में आज की स्थिति में बिजली की कुल कितनी मांग है और कितनी आपूर्ति की जा रही है और कहाँ- कहाँ से कितनी आपूर्ति की जा रही है ?

-सरकार बतायें कि प्रदेश के किस-किस अंचल में कुल कितने-कितने घंटों की अघोषित कटौती की जा रही है ?

-सरकार बतायें प्रदेश के थर्मल पावर स्टेशनों में कुल कितना बिजली का उत्पादन वर्तमान में हो रहा है और उनकी वास्तविक उत्पादन क्षमता कितनी है , कम उत्पादन के पीछे क्या कारण है और सरकार ने इसको लेकर अभी तक क्या वैकल्पिक इंतज़ाम किये है ?

-सरकार बताये कोल कंपनियो को कोयले का कुल कितना भुगतान अभी तक बकाया है ,कब से बकाया भुगतान नहीं किया गया है और वर्तमान में यदि भुगतान किया गया है तो कितना ?

-सरकार बताये सभी पावर स्टेशनों में वर्तमान में कोयले की कितना उपलब्धता है , यह कोयला कितने दिन चलेगा और कुल कितने कोयले की वर्तमान में आवश्यकता है ?

-सरकार पावर प्लांटों की वर्तमान स्थिति भी स्पष्ट करें कि उनकी वर्तमान में कितनी यूनिट अभी चालू है ,कितनी बंद पड़ी है और बंद के पीछे क्या कारण है ? -सरकार यह भी स्पष्ट करें कि वर्तमान बिजली संकट को देखते हुए सरकार ने कब और क्या वैकल्पिक इंतजाम किए हैं ?

-सरकार यह भी स्पष्ट करे कि किन-किन निजी कंपनियो से सरकार का अनुबंध है , इस संकट के समय उनसे कितनी आपूर्ति हुई है और सरकार फ़िक्स चार्ज के रूप में उन्हें कुल कितनी राशि का भुगतान करती है ?

गौरतलब है कि प्रदेश के कई इलाकों में बीते एक सप्ताह से हर रोज 12 से 15 घंटे की अघोषित कटौती की शिकायतें आ रही हैं। इसके पीछे कोयले की कमी और कम बारिश से बिजली संयंत्रों में उत्पादन की कमी को कारण बताया जा रहा है। यह भी सामने आया है कि कोल कंपनियों के भुगतान न होने से पावर प्लांट कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट अपेक्षाकृत गंभीर है जिससे किसानों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

दूसरी ओर प्रदेश में बिजली संकट की स्थिति पर सरकार के विधायक ही सवाल उठा रहे हैं वहीं ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर प्रदेश में कहीं कोई कटौती न होने की बात कह रहे थे। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यहाँ तक था कहा कि जो विधायक 18-20 घंटे की बिजली कटौती की बात कह रहे हैं वे बिजली कटौती का सबूत दे, मैं तत्काल कार्रवाई करूंगा।

इससे पहले बीजेपी के ही विधायक नारायण त्रिपाठी और राकेश गिरी अपने विधानसभा क्षेत्रों में 15 घंटे तक अघोषित बिजली कटौती मामला उठा चुके हैं। टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी गोस्वामी तो बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र तक लिख चुके हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी स्वीकारा है कि कि अभी उत्पादन और मांग में अंतर है हम इसे छुपा नहीं रहे और इसमें सुधार की समयसीमा भी बता दी जाएगी।

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