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उमा भारती ने दी राजधर्म की नसीहत, कमलनाथ बोले-HC जज से कराएं जांच

कमला नेहरू अस्पताल में आग के बाद उमा भारती ने दी राजधर्म की सीख, कमलनाथ ने सरकार को घेरा।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कमला नेहरू अस्पताल में लगी आग से नवजात की मौतों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकार को राजधर्म की नसीहत दी है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अस्पताल पहुंचकर पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराए जाने की मांग की है।

अस्पताल प्रबंधन और प्रशसन के साथ ही प्रदेश सरकार भी अब आग को लेकर विपक्ष के साथ अपनों के भी निशाने पर आ चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी अस्पताल में लापरवाही को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियां पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

उमा भारती ने सोषल मीडिया पर लिखा कि यह न भुलने वाला दुःखद अध्याय हैं तथा इसने अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं। इसमें जिन्होंने भी लापरवाही की हैं उनको अतिशीघ्र कठोरतम दंड मिलना चाहिये। उन्होंने लिखा कि मृतक शिशुओं के माता पिता एवं परिवार के प्रति मेरी अत्यधिक संवेदना एवं यद्यपि उनके दुःख की भरपाई नही हो सकती किंतु अपराधियों के ख़िलाफ़ कठोरतम कारवाई से राजधर्म पालन होगा।

उमा भारती ने सवाल उठाते हुए लिखा कि कमला नेहरु अस्पताल के नवजात शिशु वार्ड का fire audit कबसे नही हुआ? उसके maintenance और monitoring की ज़िम्मेदारी किसकी थी? इसको कब और कितना budget मिला है? सारे तथ्यों की जाँच करके अपराधियों को तुरंत कठोरतम दंड मिलना चाहिये।

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी मंगलवार को कमला नेहरू अस्पताल पहुँचकर मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के पूरे मामले की जानकारी ली और मौजूद लोगों से चर्चा की। यहां मीडिया से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि इस हादसे की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करा जिम्मेदारों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए।

कमलनाथ ने यह भी कहा कि 6 महीने के अंदर यह तीसरी घटना हुई है। भाजपा सरकार हर मामले को दबाने का काम करती है। इससे पहले कोविड में हुई मौत के आंकड़ों को भी छुपाया गया। सरकार को इस मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराना चाहिए।

कमलनाथ ने आग लगने के बाद डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने जिस तरह का समर्पण दिखाया और कई बच्चों को असुरक्षित निकाल दोबारा इलाज़ दिया उसके लिए डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की तारीफ की और बधाई दी।

गौरतलब है कि सोमवार रात 9 बजे राजधानी भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के तीसरी मंजिल पर स्थित चाइल्ड वार्ड के SNCU में आग लग गई थी। इस वार्ड में 40 नवजात और इस फ्लोर पर 100 से ज्यादा बच्चे बच्चे भर्ती थे।आग लगने का कारण बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। आग के कारण पूरे वार्ड में धुआं भर गया था और चार बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं परिजनों का आरोप है कि सरकार और अस्पताल प्रबंधन मौत के आंकड़ों को छिपा रहा है। मृत बच्चों की संख्या कहीं ज्यादा है। वहीं यह भी सामने आया कि 15 साल में अस्पताल ने फायर एनओसी लेना तक जरूरी नहीं समझा था।

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