राम वन गमन पथ से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी कांग्रेस-कमलनाथ

सिद्धा पहाड़ को खोदे जाने की प्रक्रिया के निर्णय के विरोध करते हुए कांग्रेस का सड़क से सदन तक लड़ाई का ऐलान

भोपाल (जोशहोश डेस्क) सतना में राम वन गमन पथ पर स्थित स्थित सिद्धा पहाड़ को खोदने की प्रक्रिया राज्य में सत्तारूढ़ शिवराज सरकार ने प्रारंभ कर दी है। रामभक्तों की आस्था के केंद्र सिद्धा पहाड़ को खोदने का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सिद्धा पहाड़ को खोदे जाने की प्रक्रिया के निर्णय के विरोध करते हुए सड़क से सदन तक लड़ाई का एलान किया है।

सरकार द्वारापौराणिक महत्व से जुड़े आस्था के केंद्र सिद्धा पर्वत को खोदने की एक निजी एजेंसी को स्वीकृतियां दिए जाने के बाद मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लोक सुनवाई कराने का आदेश दिया है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समाचार पत्रों में लोक सुनवाई करने के निर्णय की सूचना भी प्रकाशित कराई गई है।

दूसरी और स्थानीय स्तर पर भी इस निर्णय का विरोध हो रहा है। वहीं बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार के इस निर्णय का विरोध किया और कहा कि कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी और भगवान श्रीराम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट व खत्म नहीं होने देंगे।

कमलनाथ ने लिखा कि- खुद को धर्मप्रेमी बताने वाली शिवराज सरकार अपने व्यावसायिक हितों के लिये लगातार धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ वाले निर्णय लेती आयी है।अब मध्यप्रदेश के सतना में स्थित सिद्धा पहाड़ , जो कि राम वन गमन पथ पर स्थित है , जहाँ पर प्रभु श्री राम ने इस भूमि को निशाचरो से मुक्त करने की प्रतिज्ञा ली थी , उस पहाड़ को खनन हेतु खोदने की शिवराज सरकार ने प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

उन्होंने आगे लिखा कि यह वह पहाड़ है जिसका उल्लेख रामचरित मानस व वाल्मीकि रामायण में भी है कि राक्षसों द्वारा ऋषि मुनियो का वध करने के बाद उनके अस्थि समूह से बने ढेर से यह पहाड़ बना है। भगवान राम के नाम का राजनीति के लिये उपयोग करने वाली भाजपा सरकार अब उनके अवशेषों को सुनियोजित तरीक़े से नष्ट करने का काम कर रही है। कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी , जन आस्थाओं के विरोधी इस निर्णय के विरोध में हम सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और भगवान श्री राम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट व ख़त्म नहीं होने देंगे।

कमलनाथ ने यह ही कहा कि राम वन गमन पथ को लेकर भी हमारी कांग्रेस सरकार ने ही योजना बनाई थी। इस पहाड़ पर पूर्व से ही अवैध उत्खनन का काम लगातार जारी है, इसको रोकने के लिए भी सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाये है। इसके पूर्व भी करीब 10 वर्ष पूर्व इस तरह की कोशिशे की गई थी, लेकिन तब जनविरोध के बाद इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया था। अब एक बार फिर पर्यावर्णीय स्वीकृति के नाम पर कार्रवाई शुरू की गई है।

वहीं चित्रकूट विधायक और कांग्रेस नेता नीलांशु चतुर्वेदी ने भी सिद्धा पहाड़ में उत्खनन की अनुमति का विरोध किया है। साथ ही शिवराज सरकार पर सवाल उठाए हैं। विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा कि यह पर्वत सनातनियों की आस्था का केंद्र है। भाजपा रामवन गमन पथ को सहेजने के बजाय उसे नष्ट कराने में लगी है।

गौरतलब है कि रामचरित मानस में अरण्य कांड में उल्लेख है कि भगवान राम जब चित्रकूट से आगे की ओर बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला। यह पहाड़ अस्थियों का था। तब राम को मुनियों ने बताया कि राक्षस कई मुनियों को खा गए हैं और यह अस्थियां उन्हीं मुनियों की हैं। भगवान राम ने यहीं पर राक्षसों के विनाश की प्रतिज्ञा ली थी।

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