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पुरानी पेंशन लागू करें शिवराज, बताएं 17 सालों में कितने दिए रोज़गार?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उठाई पुरानी पेंशन बहाल किये जाने की मांग, बेरोजगारी पर भी उठाये सवाल।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राजस्थान सरकार की तर्ज़ पर प्रदेश में भी सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल किये जाने की मांग की है। साथ ही कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर रोजगार मेलों के नाम पर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए हुए शिवराज सरकार के कार्यकाल में युवाओं को दिए रोज़गार की संख्या को लेकर सवाल उठाया है।

कमलनाथ ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मैं मांग करता हूं कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी प्रदेश के कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन प्रणाली को प्रदेश में तत्काल लागू करें और कर्मचारियों के हित में 1 जून 2005 के पहले की पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाये।

नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को मिल रही पेंशन का हवाला देते हुए कमलनाथ ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम के तहत काफी कम पेंशन की राशि मिल रही है, जिससे उनको जीवन यापन में काफ़ी मुश्किल आ रही है। कांग्रेस कर्मचारियों के साथ है और वो उनके हित के लिये हर लड़ाई लड़ेगी।

रोजगार दिवस पर सरकारी पैसे को लुटा रही सरकार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश में बेरोज़गारी को लेकर भी शिवराज सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार रोजगार मेलों और रोजगार दिवस के नाम पर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करना अब बंद करे। मुख्यमंत्री शिवराज बताएं कि पिछले 17 वर्षों में कितने युवाओं को रोजगार दिया गया है? पिछले रोज़गार मेले में कितने युवाओं को रोज़गार दिया गया? शिवराज सरकार के एक लाख रोज़गार प्रतिमाह देने के दावे का क्या हुआ? कमलनाथ ने आरोप लगाया कि इवेंट, अभियान, आयोजन प्रेमी शिवराज सरकार अभी भी रोजगार देने के बजाय रोजगार मेले, रोजगार दिवस के आयोजनों के नाम पर सरकारी पैसे को लुटा रही है।

कितने पद रिक्त, कब भरे जायेंगे?

नाथ ने कहा कि एक तरफ जहाँ मोदी सरकार ने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का दावा किया था, वही शिवराज सरकार ने प्रतिमाह एक लाख रोजगार देने का दावा किया था, इन दावों व आंकड़ो के हिसाब से तो देश और प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा खत्म हो जाना चाहिए था लेकिन यह आंकड़ा तो बढ़ता ही जा रहा है। जिन स्वरोजगार योजनाओं के तहत युवाओं को ऋण वितरण के दावे किए जा रहे हैं, उन योजनाओं में आज भी हजारों आवेदन बैंकों में पेंडिंग है, युवा बैंकों में चक्कर लगा रहे हैं। सरकार बताये कि प्रदेश में अभी तक कितने सरकारी पद रिक्त हैं, उसको लेकर सरकार ने क्या कार्ययोजना बनायी है, कब उन पदों को भरा जाएगा?

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