सरकार वोट बढ़ाने में व्यस्त, किसान बिजली संकट से त्रस्त: कमलनाथ

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने खाद की कमी और बिजली कटौती से किसानों को पड़ रही दोहरी मार पर शिवराज सरकार को घेरा।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) रबी सीजन के लिए खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान अब बिजली संकट की मार से भी परेशान हो रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में बिजली कटौती ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने खाद की कमी और बिजली कटौती से किसानों को पड़ रही दोहरी मार को लेकर शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है।

कमलनाथ ने सोमवार को कहा कि मध्यप्रदेश का किसान रबी सीजन के लिये खाद की कमी से पहले से ही बेहद परेशान है और अब कई जिलो में बिजली संकट व बिजली कटौती से भी परेशान हो चला है। सरकार नामकरण की राजनीति,वर्गों को साधने की राजनीति, आयोजन-अभियानो में, अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने की बैठकों-रणनीति में ही व्यस्त है। उसे प्रदेश के किसानो की कोई चिंता नही है।

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा खुद को किसानपुत्र कहे जाने पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि किसानों को ना डीएपी मिल रहा है, ना यूरिया और ना सिंचाई के लिये पर्याप्त बिजली, सरकार के सारे दावे फेल दिख रहे हैं। ख़ुद को किसान पुत्र बताने वाले मुख्यमंत्री की सरकार में किसानो की यह स्थिति?

गौरतलब है कि प्रदेश में खाद का संकट खत्म लगातार कायम है। ग्वालियर चंबल इलाके में किसान खाद संकट की सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं। खाद वितरण केंद्रो पर किसानों के आक्रोश की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इसके बीच अब कई जिलों में बिजली संकट के कारण किसान खेतों में पानी नहीं दे पा रहे हैं। शहडोल छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर समेत अन्य जिलों में बिजली कटौती की खबरें आ रही हैं। करैरा के आदर्श ग्राम सिरसौद में रविवार को ही किसानों ने बिजली कटौती के खिलापफ छह घंटे तक भूख हड़ताल की थी। डबरा में भी बिजली सप्लाई बंद होने के चलते नहर का पानी किसानों को नहीं मिल पा रहा है।

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