MP

बाघंबरी मठ के नए उत्तराधिकारी का MP कनेक्शन, निमाड़ में रहे-खेले क्रिकेट

बलवीर गिरि 5 अक्टूबर को नरेंद्र गिरि की गद्दी पर बैठेंगे। महंत बलवीर गिरि का मध्य प्रदेश के निमाड़ से सीधा नाता रहा है।

खरगोन (जोशहोश डेस्क) महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत के बाद बलवीर गिरि को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया है। बलवीर गिरि 5 अक्टूबर को नरेंद्र गिरि की गद्दी पर बैठेंगे। महंत बलवीर गिरि का मध्य प्रदेश के निमाड़ से सीधा नाता रहा है। बलवीर गिरि खरगोन की भीकनगांव तहसील के पाडल्या बाबाजी गांव के निरंजनी अखाड़े में 2010 से 2015 तक महंत रह चुके हैं। यहाँ वे ग्रामीणों के साथ क्रिकेट भी खेला करते थे।

पांच अक्टूबर को पंचपरमेश्वर की बैठक के बाद पूरे विधि विधान से बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक कर उन्हें बाघंबरी मठ का उत्तराधिकारी बनाया जाएगा। खुद बलवीर गिरि महाराज ने भी इस बात का सूचना गांव वालों को देते हुए हरिद्वार आने का आमंत्रण दिया है। बलवीरगिरि महाराज को बाघंबरी मठ का उत्तराधिकारी बनाये जाने से ग्रामीणों में खुशी की लहर हैं।

दैनिक भास्कर के खरगोन संस्करण में प्रकाशित खबर के मुताबिक महंत बलवीर गिरि ग्रामीणों को उज्जैन-हरिद्वार कुंभ भी ले गए थे। गांव के युवा किशोर कोचले के मुताबिक बलवीर गिरि महाराज सभी गांव वालों के साथ मिलजुल कर रहते थे साथ ही गांव के युवा हुकुम गांगले, नरेंद्र रावल, प्रकाश सोलंकी, अनिल यादव व मेरे साथ क्रिकेट खेलते थे।

ग्रामीण रामसिंह के मुताबिक महंत शिवरतनगिरीजी ने अखाड़े की स्थापना की थी। होलकर स्टेट ने 2 हजार एकड़ भूमि दी थी। अखाड़े का मुख्य द्वार संवत 1937 में बना था। निरंजनी अखाड़े की कुल 161 एकड़ जमीन सरकारी रिकाॅर्ड में दर्ज है। जिसमें महंत रामानंदपुरी, महंत लालतागिरी, महंत हरगोविंद पुरी व महंत प्रकाशगिरी के नाम दर्ज हैं।

गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद मिले उनके सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की थी। हालाँकि सुसाइड नोट के आधार पर पंच परमेश्वरों ने बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाने से इनकार कर दिया था लेकिन इसके बाद महंत नरेंद्र गिरि की रजिस्टर्ड वसीयत का खुलासा हुआ। इसमें उन्होंने जून 2020 में ही बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। वसीयत के आधार पर ही मठ का उत्तराधिकारी चुना जाता है साल 2004 में महंत नरेंद्र गिरि भी ऐसे ही मठाधीश बने थे।

Back to top button