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मंडी बोर्ड में कोरोना से मौत पर 25 लाख मुआवजा, कृषि मंत्री के ऐलान पर सरकार की रोक

प्रदेश के मंडी बोर्ड में करीब 6500 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) शिवराज सरकार द्वारा कोरोना को लेकर की गई घोषणाओं पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अब कृषि मंत्री कमल पटेल की मंडी बोर्ड के कर्मचारियों आधिकारियों को लेकर की गई घोषणा विवादों में आ गई है। कमल पटेल ने मंडी बोर्ड के अधिकारियों कर्मचारियों की कोरोना से मौत पर 25 लाख मुआवजे का ऐलान किया था जिस पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है।

प्रदेश के मंडी बोर्ड में करीब 6500 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। कोरोना की दूसरी लहर में मंडी बोर्ड के 42 अधिकारी कर्मचारी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में इनके परिजनों को कृषि मंत्री कमल पटेल की घोषणा का लाभ मिल पाएगा यह मुश्किल दिखाई देने लगा है।

दैनिक भास्कर ने यह खबर प्रकाशित की है। मंत्री कमल पटेल की घोषणा के मुताबिक 25 लाख का मुआवजा उन अधिकारी कर्मचारियों के परिजनों को दिए जाना हैं जिनकी मत्यु एक अप्रैल से 31 जुलाई के बीच हुई है।

रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य सचिव ने ऐसे आदेश निकालने से पहले सभी निगम मंडलों को राज्य सरकार से मंजूरी लेना जरूरी कर दिया है। साथ ही वित्त विभाग से भी ऐसे आदेश के लिए मंजूरी लेना होगी। मंडी बोर्ड के आदेश से पहले वेयर हाउसिंग एंड लाॅजिस्टिक कार्पोरेशन ने भी मुआवजे का आदेश निकाला था। इसके बाद जब मंडी बोर्ड ने भी अलग से मुआवजे का आदेश निकाला तो मुख्य सचिव ने किसी भी प्रावधान से पहले सभी निगम मंडलों को राज्य शासन की मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया।

अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने इस पत्र को टीप के साथ मंडी बोर्ड भेजा है। जिसके बाद मंडी बोर्ड के एमडी ने मुआवजे की प्रक्रिया को होल्ड कर दिया है। हालांकि कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि राज्य शासन की मंजूरी मंडी बोर्ड के लिए जरूरी नहीं है क्योंकि यह निगम मंडल में नहीं आता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी गफलत हुई है उसे जल्द ही सुधार लिया जाएगा।

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