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8 साल में 22 करोड़ आवदेन, 7.22 लाख को ही नौकरी दे पाई मोदी सरकार

। लोकसभा में ए रेवंत रेड्डी के प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) बेरोजगारी के मुद्दे पर आलोचना का शिकार हो रही केंद्र की मोदी सरकार अब एक बार अपने ही डाटा से फिर निशाने पर आ गई है। सरकार ने संसद मे नौकरी दिए जाने को लेकर जो आंकड़ा दिया है, वह चौंकाने वाला है।

सरकार ने संसद में बताया है कि साल 2014 के बाद नौकरी के लिए करीब 22 करोड़आवेदन आए हैं लेकिन सरकार इन आठ साल की अवधि में केवल सात लाख 22 हजार नौकरियां ही दे पाई है। लोकसभा में ए रेवंत रेड्डी के प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी है।

केंद्र सरकार के मुताबिक वर्ष 2014 से 2022 के दौरान केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्ति के लिये 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए हैं और भर्ती एजेंसियों द्वारा 7.22 लाख अभ्यर्थियों की भर्ती की अनुशंसा की गई है। मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2014 के बाद से अब तक 22,05,99,238 आवेदन प्राप्त हुए थे।

कब कितने आवेदन

2021-22 में 1,86,71,121

2020-21 में 1,80,01,469

2019-20 में 1,78,39,752

2018-19 में 5,09,36,479

2017-18 में 3,94,76,878

2016-17 में 2,28,99,612

2015-16 में 2,95,51,844

2014-15 में 2,32,22,083

कब कितनी अनुशंसा

2021-22 में 38,850

2020-21 में 78,555

2019-20 में 1,47,096

2018-19 में 38,100

2017-18 में 76,147

2016-17 में 1,01,333

2015-16 में 1,11,807

2014-15 में 1,30,423

मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि रोजगार सृजित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन करने के लिये कई कदम उठाये हैं। वर्ष 2021-22 के बजट में 1.97 लाख करोड़ रूपये के परिव्यय के साथ 5 वर्षों की अवधि के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं शुरू की गई हैं।

कांग्रेस हमेशा पीएम मोदी पर रोज़गार के मुड़ी को लेकर हमलावर रहती है। कांग्रेस का कहना है कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से वादा किया था कि वो हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे लेकिन अब देश में रोज़गार को लेकर जुमलेबाजी का दौर चल रहा है।

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