राज्यों की समग्र रैंकिंग में MP फिसड्डी, ‘शिव-राज’ पर उठे सवाल

समग्र रैंकिंग में महाराष्ट्र पहले पायदान पर है जबकि गुजरात और तमिलनाडु क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर

मुंबई (जोशहोश डेस्क) आर्थिक, सामाजिक और शासन के संचालन के मामले में मध्यप्रदेश फिसड्डी साबित हुआ है। साख निर्धारित करने वाली और शोध कंपनी केयर एज द्वारा की गई राज्यों की समग्र रैंकिंग में यह निष्कर्ष सामने आया है। समग्र रैंकिंग में देश के बड़े 17 राज्यों में मध्यप्रदेश 13 वे स्थान पर है।

केयर एज की समग्र रैंकिंग में महाराष्ट्र पहले पायदान पर है जबकि गुजरात और तमिलनाडु क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। रैकिंग तैयार करते समय बुनियादी ढांचे की स्थिति, वित्तीय समावेशन, राजकोषीय प्रबंधन और पर्यावरण को भी आधार बनाया गया है।

रैंकिंग के अलग अलग पैमानों पर गौर किया जाए तो वित्तीय समावेशन में मध्यप्रदेश 17 राज्यों में 15वें नंबर पर और सामाजिक क्षेत्र में मध्यप्रदेश 17 राज्यों में 14 में नंबर पर है। वहीं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में मध्यप्रदेश 17 राज्यों में 13 नंबर पर है साथ ही पर्यावरण के मामले में मध्य प्रदेश 17 राज्यों में नौवें नंबर पर है।

रैंकिंग सामने आने के बाद कांग्रेस ने शिवराज सरकार के 18 साल के शासन पर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस की प्रदेश इकाई और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पियूष बबेले ने केयर एज की रैंकिंग को लेकर लिखा कि-शिवराज सरकार के ऊंची विकास दर के दावे, बड़े पैमाने में प्रदेश में निवेश और बड़े पैमाने पर रोजगार दिए जाने की घोषणाएं हुई झूठ साबित।

गौरतलब है कि राज्यों की समग्र सूची में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। इसका कारण वित्तीय समावेशप के क्षेत्र में उसका अच्छा प्रदर्शन है। वहीं गुजरात का आर्थिक और रोजकोषीय मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन है। हालांकि, गुजरात सामाजिक मानदंडों में पीछे है। वह इस मामले में ओड़िशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों से आगे है। वित्तीय मानदंडों के आधार पर ओड़िशा पहले स्थान पर है जबकि महाराष्ट्र और गुजरात क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है। वहीं पर्यावरण के हिसाब से आंध्र प्रदेश सूची में अव्वल है। जबकि कर्नाटक और तेलंगाना क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है।

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