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सावरकर के शुद्धिकरण के लिए भी लेना पड़ रहा गांधी का सहारा

सावरकर पर दिए बयान के बाद सोशल मीडिया के निशाने पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विनायक दामोदर सावरकर पर दिए एक बयान के बाद सोशल मीडिया के निशाने पर आ गये हैं। राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि वीर सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों के सामने दया याचिका लगाई थी। राजनाथ के इस बयान पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है और इसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

कांग्रेस के साथ ही कई पत्रकारों ने भी राजनाथ सिंह के बयान पर सवाल उठाया। कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने तो यहां तक लिखा कि राजनाथ जी सावरकर के शुद्धिकरण के लिए भी गांधी का सहारा ले रहे हैं-

पत्रकार प्रशांत टंडन ने राजनाथ सिंह के बयान की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए तंज़ कसा कि वाट्सऐप डिलीट कीजिये फोन से बहुत जग हसाई हो रही है.

रिटायर्ड आईपीएस विजय शंकर सिंह ने भी इस सन्दर्भ में तथ्य प्रस्तुत किये –

कुछ प्रतिक्रियाएं इस तरह भी थी-

राजनाथ के बयान के पक्ष में सोशल मीडिया पर विनायक दामोदर सावरकर के छोटे भाई से गांधी के पत्राचार का हवाला भी दिया गया। इस पत्राचार में भी माफी की सलाह की बात पर तर्क वितर्क होते दिखे-

गौरतलब है कि राजनाथ सिंह ने 12 अक्टूबर को उदय माहुरकर और चिरायु पंडित की किताब ‘वीर सावरकर: हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन’ के विमोचन कार्यक्रम में यह बात कही थी। उन्होंने कहा कि सावरकर को लेकर अलग-अलग तरह के झूठ फैलाए गए। कहा गया कि सावरकर ने अंग्रेजों के सामने दया के लिए कई बार याचिका दाखिल की थी लेकिन सच ये है कि सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर दया याचिका दाखिल की थी।

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