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मध्यप्रदेश BJP-RSS की लैबोरेटरी, सरकार बनी तो कराएंगे जातीय जनगणना

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शहडोल के ब्यौहारी से भरी चुनावी हुंकार

शहडोल (जोशहोश डेस्क) विधानसभा चुनाव के ऐलान के दूसरे दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शहडोल के ब्यौहारी से हुंकार भरी। केंद्र और प्रदेश सरकार के अलावा राहुल गांधी ने इस दौरान न सिर्फ संघ-भाजपा पर तीखे हमले किये वहीं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर जातीय जनगणना कराने का अपना वादा दोहराया।

राहुल गांधी मंगलवार को शहडोल के ब्यौहारी पहुंचे। यहाँ उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा दिए गए वादों को दोहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर माता-बहनों के बैंक अकाउंट में 1500 रुपए आएगा। पांच सौ रुपए का सिलेंडर मिलेगा। साथ ही सौ यूनिट बिजली भी फ्री मिलेगी। हमने कर्नाटक में किया, हम यहां करने जा रहे हैं।

भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने दो टूक कहा कि मध्यप्रदेश BJP-RSS की असली लैबोरेटरी है। इस लैबोरेटरी में मरे हुए लोगों का इलाज होता है। बीजेपी के नेता आदिवासियों पर पेशाब करते हैं और जो जानवरों को भी नहीं खिलाया जाता, वो सड़ा हुआ अनाज आपको देते हैं। महाकाल कॉरिडोर में भगवान शिव से चोरी की गई। स्कूल यूनिफॉर्म, मिड-डे मील के पैसे की चोरी की जाती है। यहां पटवारी बनने के लिए 15 लाख रुपए की रिश्वत देना पड़ती है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि हिंदुस्तान सरकार को 90 ऑफिसर चलाते हैं। सारे निर्णय ये 90 अफसर ही लेते हैं। इनमें 3 ऑफिसर ही ओबीसी हैं। जो पूरा बजट है उसमें से पांच फीसदी ही ओबीसी ऑफिसर तय करते हैं। आदिवासी अफसर एक रुपए का भी निर्णय नहीं लेते। 50 पैसे का भी निर्णय नहीं लेते। हिंदुस्तान सरकार यदि सौ रुपए खर्च करती है तो आदिवासी अफसर दस पैसे का निर्णय लेते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासियों का इससे बड़ा अपमान हो सकता है क्या?

जातीय जनगणना पर कांग्रेस का पक्ष रखते हुए ​​​​​​राहुल गांधी ने आगे कहा कि हमारी नियत और दिल साफ है। हम झूठ बोलने नहीं आए हैं। हमारी गारंटी सुन लीजिए। आपको जमीन का हक भी मिलेगा और हम जातिगत जनगणना भी कराएंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, कर्नाटक और राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने काम शुरू कर दिया। एमपी में सरकार आएगी तो पहला काम हमारी सरकार कास्ट सेंसस करेगी। क्योंकि हम दलित आदिवासी और ओबीसी वर्ग को हिस्सेदारी देना चाहते हैं।

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