सीहोर के साहित्यकार पंकज सुबीर को मिला रूस का प्रतिष्ठित ‘पुश्किन’ सम्मान

मानवीय सरोकारों के पैरोकार सुबीर को यह सम्मान मास्को में दिया जाएगा।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) सीहोर के साहित्यकार पंकज सुबीर को रूस का प्रतिष्ठित पुश्किन सम्मान से नवाजा जाएगा। मानवीय सरोकारों के पैरोकार पंकज सुबीर को यह सम्मान मास्को में दिया जाएगा। यह पुरस्कार रूस के ‘भारत मित्र समाज’ की ओर से हर साल हिंदी के साहित्यकार को दिया जाता है।

मूल रूप से नरसिंहपुर के निवासी पंकज सुबीर को मानवीय संवेदनाओं पर उत्कृष्ट लेखन के लिए जाना जाता है। अब तक उनके सात कहानी संग्रह, एक उपन्यास और संपादन की हुई चार पुस्तकों के सहित विविध विधाओं की 17 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

मार्च 2021 में साहित्यकारपंकज सुबीर पर जोशहोश मीडिया ने अपनी सीरीज ‘हीरो मध्यप्रदेश के’ अंतर्गत एक विशेष स्टोरी की भी थी जिसमें विस्तार से उनकी शख्सियत पर प्रकाश डाला गया था-

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इससे पहले भी पंकज सुबीर हिंदी साहित्य के कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं। साल 2007 में पंकज सुबीर को भारतयी ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उसके बाद उन्हें वागीश्वरी पुरस्कार, वनमाली कथा सम्मान, शैलेश मटियानी पुरस्कार, कमलेश्वर सम्मान आदि 10 से ज़्यादा पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। साल 2016 में पंकज सुबीर को उनकी कहानी ‘चौपड़े की चुड़ैलें ‘ पर हंस कथा सम्मान से सम्मानित किया गया था।

साल 2017 में पंकज सुबीर की कहानी पर निर्देशक कृष्णकांत पंड्या द्वारा बनाई गई फिल्म ‘बियाबान- द कर्स बाय वीमन’ को लंदन के फाल्कन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में ‘बेस्ट फीचर फिल्म ज्यूरी च्वाॅइस अवार्ड’ मिला था।

पंकज सुबीर वैसे तो मूलतः नरसिंहपुर जिले के करेली क़स्बे के हैं, लेकिन अब सीहोर में रहते हैं। यहां पंकज सुबीर अपना एक कंप्यूटर सेंटर चलाते हैं, जहाँ कंप्यूटर को सीखने की चाह रखने वाले ग़रीब बच्चों को वे मुफ्त में ही कंप्यूटर की ट्रेनिंग देते हैं। कंप्यूटर सेंटर के अलावा पंकज का एक शिवना प्रकाशन नाम का पब्लिशिंग हाउस भी है।

हिंदी साहित्य को नई पहचान देने और समय समय पर अपने उपन्यासों से सरकारों के सामने कड़े सवाल खड़े करने वाले लेखक साहित्यकार पंकज सुबीर को जोशहोश मीडिया की ओर से बधाई ।

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