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चुनावी बिगुल: क्या हिमाचल में खेल दिया प्रियंका गांधी ने मास्टरस्ट्रोक?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली में प्रियंका गांधी ने भी किये दो बड़े ऐलान

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार दोपहर हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। राज्य में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किये जायेंगे। शुक्रवार को ही कांग्रेस की परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने दो बड़े ऐलान किये। प्रियंका गांधी की इन घोषणाओं को राज्य के चुनावी दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।

परिवर्तन प्रतिज्ञा रैली में प्रियंका गांधी ने ऐलान किया कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो मंत्रिमंडल पहली ही बैठक में 2 निर्णय होंगे। पहला निर्णय एक लाख खाली सरकारी पदों को भरने का होगा वहीं दूसरा निर्णय पुरानी पेंशन योजना पर होगा जिससे प्रदेश के 2 लाख कर्मचारियों को उनका हक मिलेगा।

सत्ता परिवर्तन का इतिहास रखने वाले हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी के इन दो ऐलान को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि राज्य में रोजगार और कर्मचारी मतदाता जैसे मुद्दे हमेशा निर्णायक माने जाते हैं। राज्य की राजनीति पर नज़र रखने वालों का मानना है कि इस चुनाव में भी बेरोजगारी, कर्मचारियों की समस्या, महंगाई और पुलिस पेपर लीक मामला असरदार दिख रहा है। इन मुद्दों के चलते ही पिछले साल 3 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।

कांग्रेस ने इस मूड को भांपते हुए ही 5 लाख नौकरियों, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 18-60 आयु वर्ग की महिलाओं को 1,500 रुपये और ओपीएस की वापसी का वादा अपनी ’10 गारंटियों’ के रूप में किया है। राज्य भर में कांग्रेस ‘रोजगार संघर्ष यात्रा’ भी निकाल रही है।

बताया जा रहा है कि भाजपा को भी इस बात का आभास है कि इन चुनावों में सत्ता परिवर्तन का सिलसिला रोकना उसके लिए आसान नहीं है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद यहाँ मोर्चा संभाल लिया है। विजयदशमी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिलासपुर व कुल्लू में आना और उसके बाद लगातार यहाँ सभाएं करना इसे साबित भी कर रहा है।

दूसरी ओर गृह राज्य होने के कारण भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के लिए भी राज्य का चुनाव नाक का सवाल बना हुआ है। उन्होंने पूरी कमान खुद ही संभाली हुई है। अगस्त से ही नड्डा यहाँ सक्रिय हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश की गंभीरता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सक्रियता तो कम से कम यह बता रही है कि भाजपा के लिए इस बार चुनावी राह बेहद कांटो भरी है।

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