पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती में बड़ा घोटाला, साक्षात्कार रद्द कर खास लोगों को दी नियुक्ति?

सवालों के घेरे में पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती योजना, एनवक्त पर साक्षात्कार रद्द कर विचारधारा विशेष से जुड़े लोगों की भर्ती का आरोप

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में आदिवासियों के हितों के नाम पर प्रारंभ की गई पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती योजना सवालों के घेरे में आ गई है। योजन के तहत आदिवासी बाहुल्य 89 ब्लाकों में पेसा कॉर्डिनेटर की भर्ती लिए एनवक्त पर साक्षात्कार रद्द कर गोपनीय तरीके से एक विचारधारा विशेष से जुड़े 89 लोगों की भर्ती किये जाने का आरोप कांग्रेस ने लगाया है।

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने प्रदेश में आदिवासियों के हित में पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती योजना को बड़े घोटाले में तब्दील होने का गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि मप्र के 89 आदिवासी बाहुल्य ब्लॉकों में पेसा कानून को लागू कराने, उसके प्रचार प्रसार के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार ने सेडमेप के माध्यम से 89 पेसा कॉर्डिनेटर की भर्ती की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस भर्ती के लिए विधिवत आवेदन बुलाये गये थे, लाखों आवेदकों में से 890 आवेदक छांटकर उन्हें साक्षात्कार के लिये बुलाया भी गया, किंतु एनवक्त पर साक्षात्कार रद्द कर गोपनीय तरीके से एक विचारधारा विशेष से जुड़े 89 लोगों की भर्ती कर दी गई।

केके मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया कि एक विचारधारा विशेष के चयनित ये लोग पेसा कानून का प्रचार करने के बजाय 89 ब्लॉक में भाजपा के चुनावी बूथ मैनेजमेंट का काम करेंगे। इन चयनित लोगां को सरकारी खजाने से जहां 25 हजार रूपये मासिक वेतन के रूप में दिया जायेगा, वहीं भाजपा के पक्ष में चुनावी कार्य कराया जायेगा, जो न्याय संगत नहीं है।

कांग्रेस ने राज्य सरकार से यह जानना चाहा है कि जब 9,10 और 11 फरवरी, 2022 को पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया निर्धारित की गई थी तो उसे निरस्त कर पिछले दरवाजे से ये भर्तियाँ किसके निर्देश पर और किस नियम के आधार पर की गई? कांग्रेस ने साथ ही इस अपारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच के मांग भी है।

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