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1100 पदों पर भर्ती, पंचायत-ग्रामीण विकास विभाग ने किया ‘बड़ा खेल’

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर का आरोप, बिना टेंडर CEDMAP को दिया 18 करोड़ का काम

भोपाल (जोशहोश डेस्क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में RGSA अंतर्गत लगभग 1100 पदों पर होने वाले भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों को ताक पर रख 18 करोड़ का काम उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश (CEDMAP) को दिए जाने का मामला सामने आया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर ने नियम विरुद्ध की गई प्रक्रिया को तत्काल निरस्त कर ई-टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाने की मांग की है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों की अवहेलना करते हुये 18 करोड़ का काम CEDMAP को दे दिया गया है। नियोक्ता CEDMAP का चयन 10% सेवा शुल्क के आधार पर किया गया, अगर खुली निविदा के आधार किसी निजी संस्था का चयन किया जाता तो यह कार्य 2 से 3 % सेवा शुल्क में किया जा सकता है।

सैयद जाफर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री महेंद्र सिसोदिया से मांग की है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अपनाए गए नियम विरुद्ध प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करते हुए ई टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाए। सैयद जाफर ने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में RGSA अंतर्गत लगभग 1100 पदों पर सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भर्ती किया जाना है जिसके लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया जाना था परंतु अधिकारियों की साँठ गांठ एवं मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियमों की अवहेलना करते हुये यह काम बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के सीधे CEDMAP को दे दिया गया। जिस मैं पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार किया गया है।
 
 ई-टेंडर प्रणाली का पालन नहीं

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर के मुताबिक मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 कि कंडिका 11.2 खुली निविदा (11.2.1) अनुसार भंडार क्रय अनुसार ई – टेंडर प्रणाली के अंतर्गत कार्यवाही नहीं कि गई जबकि उक्त कंडिका में साफ उल्लेख है की 5 लाख से ऊपर किसी भी प्रकार के क्रय में ई-टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाए।

CEDMAP भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अंतर्गत सेवा उपार्जन हेतु आरक्षित/अधिकृत सेवा प्रदाता नहीं है। इसके अलावा CEDMAP को भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के अंतर्गत सेवा उपार्जन हेतु आरक्षित/अधिकृत सेवा प्रदाता के रूप में सूचीबद्ध भी नहीं किया गया है इसलिए इस प्रकार कि संस्थाओं का सीधे एकल नामांकन के आधार पर चयन नहीं किया जा सकता है। पूर्व में सूक्ष्म,लघु तथा मध्यम उद्यम विभाग द्वारा एकल नामांकन के आदेश को निरस्त कर दिया गया है।

सैयद जाफर ने आगे बताया कि इसके पूर्व में भी विभागों में इस प्रकार के आदेशों को निरस्त किया गया है। सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम विभाग द्वारा नियोक्ता CEDMAP को पत्र क्रमांक 1086 /667/2019/अ-73(संलग्न) दिनाँक 17/06/2019 को CEDMAP को विभन्न विभागों के शासकीय कार्य सौंपे जाने कि अनुशंसा कि गई थी, परंतु पत्र क्रमांक 2207/667/2019/अ-73(संलग्न) दिनाँक 05/11/2019 को उक्त आदेश को पूर्णतः निरस्त कर दिया गया । यदि उक्त आदेश निरस्त कर दिया गया तो कैसे नियोक्ता CEDMAP को सीधे एकल नामांकन के आधार पर चयन कर लिया गया ।
 

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