भोपाल के सच्चिदानंद जोशी को मिलेगा उदयपुर में जनार्दन राय सम्मान

भोपाल के मशहूर कहानीकार सच्चिदानंद जोशी (Sachchidanand Joshi) को जनार्दन राय नागर सम्मान (Janardan Ray Nagar) से नवाज़ा जाएगा।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) भोपाल के मशहूर साहित्यकार सच्चिदानंद जोशी (Sachchidanand Joshi) को जनार्दन राय नागर सम्मान (Janardan Ray Nagar) से नवाज़ा जाएगा। सम्मान समारोह 12 जनवरी को उदयपुर के परिसर में आयोजित किया जाएगा। उदयपुर केंद्र जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड विश्वविद्यालय की ओर से शहर का लब्ध प्रतिष्ठित जनार्दन राय नागर संस्कृति रत्न अलंकरण इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी को दिया जाएगा।

2014 से प्रतिवर्ष दिया जा रहा है यह पुरस्कार
भोपाल की माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में काफी लम्बे तक रजिस्ट्रार रहे और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर (छत्तीसगढ़) के पूर्व कुलपति जोशी को पं. जनार्दन राय नागर की याद में सन 2014 से प्रतिवर्ष यह पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार में भारतीय संस्कृति के क्षेत्र में व्यक्तिगत प्रयासों से नवीन आयाम स्थापित करने वाले व्यक्ति को अलंकृत किया जाता है।

उदयपुर में होगा सम्मान समारोह
राजस्थान विद्यापीठ के उदयपुर स्थित परिसर में 12 जनवरी को सम्मान समारोह आयोजित होगा।

पूर्व में ये दिग्गज हो चुके है सम्मानित
यह अलंकरण पूर्व में राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी, दिल्ली विधानसभा के पूर्व स्पीकर डॉ. योगानंद शास्त्री, जोधपुर के पूर्व राजघराने के गज़सिंह, आरएसएस के सरकार्य डॉ. कृष्णगोपाल आदि को भी प्रदान किया जा चुका है।

सच्चिदानंद जोशी की लोकप्रिय कहानियां
‘सच कहूँ डॉक्टर साहब”, खालिद एकाएक गंभीर होकर बोला, ”ऐसे खुशी से नाचते-गाते लोगों को देखता हूँ, तो बस मन में यही सवाल उठता है कि इतना प्यार से, इतनी खुशी-खुशी से आपस में मिलने-जुलनेवाले लोग एकाएक हैवान क्यों हो जाते हैं?” अभी मनुष्य जिंदा है क्या करे अवतार, कैसे रोए? दुःख मनाए या खुशी, यह उसकी समझ से बाहर था। किसे सच माने वह, अपनी प्यारी गौरी चाची के लिए बाल गोपाल की तस्वीर लाने वाले शौकत को या बलवाइयों द्वारा बेरहमी से तोड़ी गई तस्वीर को। मुआवजा मैं सोच रहा था कि किस मिट्टी की बनी है यह लड़की। अपने अभावों को भी आभूषणों की गरिमा देकर अपने शरीर पर सजाए है। पूरे विश्वास के साथ मेरे सामने खड़ी है भविष्य की चुनौतियों का सामना करने। नंगी टहनियों का दर्द ”जुगनू सी ही सही, पर मुझमें चमक है, इस अहसास को मैं बरक आदि है।

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