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प्रदेश कार्यालय की दुकानें खाली कराने BJP ने कार्यकर्ता से ही लगवाई आग!

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने वीडियो जारी कर लगाया सनसनीखेज आरोप

भोपाल (जोशहोश डेस्क) भोपाल में प्रदेश मुख्यालय ध्वस्त कर उसी स्थान पर 10 मंजिली नया हाईटेक कार्यालय बनाने जा रही भारतीय जनता पार्टी पर सनसनीखेज आरोप लगा है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने शनिवार को एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि भाजपा मुख्यालय में काबिज़ दुकानदारों को भयाक्रांत कर बेदखल करने भाजपा ने बेसमेंट में अपने ही कार्यकर्ता से आग तक लगवा दी।

केके मिश्रा ने ने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस इमारत पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करवाने का काम शुरू कर दिया है। न तो असहाय दुकानदारों को विश्वास में लिया गया, न ही उन्हें 27 साल पहले पगड़ी के रूप में लिया गया पैसा ब्याज सहित लौटाया गया, न ही उन्हें नए भवन में दुकानें दिए जाने का आश्वासन दिया गया, बल्कि उन्हें बिना समय दिए जबरिया दुकानें/ आफिस खाली किये जाने को मजबूर किया जा रहा है।

भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए केके मिश्रा ने कहा कि भवन में अपने ही एक कार्यकर्ता के माध्यम से प्रायोजित तरीके से आग लगवाकर दुकानदारों और ऑफिसों में रखे व्यावसायिक/ कार्यालयीन साम्रगी को भी जलावा कर बर्बाद करने की कोशिश की गई। इसके सीसीटीवी फुटेज भी कांग्रेस ने जारी किये।

केके मिश्रा ने कहा कि आग की घटना के बाद फायर ब्रिगेड ने जहां आग बुझाई, हबीबगंज थाने में आग की घटना की एफआईआर भी हुई है। कांग्रेस जानना चाहती है आखिरकार सीसीटीवी फुटेज में उपलब्ध चिन्हित आरोपी की शिनाख्त हो जाने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी तो दूर, उससे पूछताछ भी किसके दबाव में अब तक क्यों और किसलिए नहीं की गई?

उन्होंने कहा कि यहां अब यह सवाल भी उठना वाजिब है कि जिस भाजपा के पूर्व नेताओं ने इस भवन को कार्यकर्ताओं से चंदा-पगड़ी लेकर बनवाया उस मजबूत भवन को अब ध्वस्त कर नया भवन बनाने के लिए 150 करोड़ रु. कहां से और कैसे प्राप्त हुए? क्या यह वही भाजपा है जो पार्टी विद-ए-डिफरेंस, चाल, चरित्र व चेहरे की दुहाई देती आ रही है।

कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि जिस तरह भाजपा ने अपनी ही विचारधारा के लोगों को भी उनके द्वारा जताई गई असहमति के बाद अपनी ही विचारधारा के समर्थकों की दुकानों / ऑफिसों को प्रायोजित तरीके अपने ही लोगों के माध्यम से आग के हवाले किए जाने का प्रामाणिक व अक्षम्य अपराध किया है, वह उसके तालिबानी चरित्र का परिचायक है।

मिश्रा ने कहा कि 27 साल पहले निर्मित इस मजबूत भवन को भोपाल नगर पालिक निगम ने कभी भी जर्जर व जानलेवा घोषित नहीं किया है। बताया जा रहा है कि करीब 2.5 करोड़ को लागत से बने इस भवन को उस वक्त आर्थिक परेशानी से पार्टी चलाने वाले नेताओं ने कार्यकर्ताओं के सहयोग से चंदा एकत्र कर निर्माण करवाया था। पार्टी विचारधारा को ही समर्पित लोगों से बतौर पगड़ी कुछेक लाख रुपये लिए गए, इसके एवज में उन्हें वहां निर्मित दुकानें/ आफिस किरायेदारी के रूप में आवंटित किए गए, ताकि दुकानों से मिलने वाले किराए की राशि से पार्टी की आर्थिक गतिविधियां भी संचालित की जा सके।

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