सरकार की नीतियों और कोरोना का कहर, मंडियों की आय में हुई भारी गिरावट
भोपाल (जोशहोश डेस्क) पिछले महीनों में मंडियों की आय में भारी गिरावट देखने को मिली है। पहले कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन और फिर सरकार के द्वारा की गई मंडी शुल्क में कमी का असर मंडियों में देखने को मिल रहा है। हालात यह हो गई है कि कई मंडियों की आय में 97 फीसदी तक की कमी आ गई है।
यदि प्रदेश की मंडियों की औसत देखा जाए तो इनमें समग्र रूप से साल 2019 की तुलना में दिसंबर 2020 में 81 फीसदी तक कम हो गई है। दिसंबर 2019 तक प्रदेश की मंडियों को 103 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। वहीं इस साल मंडियों को महज 19 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
मंडियों की आय हुई 83 करोड़ कम
इस साल पिछले साल की तुलना में मंडियों की आय 83 करोड़ रुपए कम हुई है। सरकारी वेबसाइट ई अनुज्ञा के आकड़ों की मानें तो दिसंबर 2019 में प्रदेश के सातों संभाग की मंडियों में कुल 103 करोड़ 17 लाख 38 हजार 677 रुपए की आय हुई थी। लेकिन दिसंबर 2020 में यह आय महज 19 करोड़ 99 लाख 85 हजार 299 रुपए रह गई है।
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रीवा संभाग की हालात सबसे खराब
आय तो सभी संभाग की मंडियों की कम हुई है लेकिन सबसे खराब स्थिति रीवा संभाग की है। इस संभाग की मंडियों में आय महज तीन फीसदी तक रह गई है। वहीं प्रदेश में आय के मामले में इंदौर संभाग की स्थिति अन्य संभागों की तुलना में बेहतर है। इंदौर संभाग की मंडियों में सबसे कम 74.71 फीसदी तक आय कम हुई है। इसके साथ ही सागर में 89.07 फीसदी, जबलपुर में 87.92 फीसदी, भोपाल में 83.18 फीसदी, ग्वालियर में 79.81 फीसदी और उज्जैन में 74.71 फीसदी तक घटी है।
यह बताई जा रही है वजह
मंडियों की आय में गिरावट की सबसे बड़ी वजह मंडी शुल्क में कमी बताई जा रही है। प्रदेश सरकार ने बीते साल मंडी शुल्क में एक तिहाई की कटौती की थी। इसकी वजह से 14 नवंबर से 30 नवंबरतक सिर्फ 16 दिनों में ही मंडियों की आय में 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आ गई थी। इसके बाद यह गिरावट एक महीने में ही 81 फीसदी तक पहुंच गई थी। मंडियों की कमाई न होने की वजह से कर्मचारियों को भी वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। मंडी बोर्ड एंप्लायीज एसोसिएशन मध्यप्रदेश के प्रांत अध्यक्ष अंगिरा पांडे के अनुसार इस माह में आय में 90 फीसदी तक की कमी होने का अनुमान है।
कर्मचारियों को कई महीनों से नहीं मिला वेतन
मंडियों की आय में हो रही गिरावट का सीधा असर कर्मचारियों पर पड़ रहा है। अकेले ग्वालियर संभाग की 16 मंडियां ऐसी हैं जहां पर कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। इन सभी मंडी कर्मचारियों का 4 करोड़ 64 लाख का वेतन बकाया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना की मंडियों की भी स्थिति अच्छी नहीं है। मुरैना की बानमौर मंडी में पिछले 16 महीनों से कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।