आदिवासी राष्ट्रपति: क्या BJP के ‘इवेंट मैनेजरों’ को आइना है उमा की नसीहत?

भाजपा की फायरब्रांड लीडर उमा भारती ने राष्ट्रपति उम्मीदवार की जाति को लेकर चल रहे उत्सवी माहौल पर दी तीखी प्रतिक्रिया।

नई दिल्ली/ भोपाल (जोशहोश डेस्क) एनडीए द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए घोषित उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मु की जाति बेहद चर्चाओं में है। मीडिया से लेकर भाजपा के बड़े नेता तक उनकी जाति को लेकर उत्साही दिखाई दे रहे हैं। भोपाल में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को जनजातीय उत्सव सा माहौल रहा जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा भी लोक नृत्य करते नजर आए।

दूसरी ओर भाजपा की फायरब्रांड लीडर उमा भारती ने राष्ट्रपति उम्मीदवार की जाति को लेकर चल रहे उत्सवी माहौल पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दो टूक लिखा कि द्रोपदी मुर्मु के बारे में मीडिया और हमारे भाजपा के लोगों को यह ध्यान रखना होगा कि भारत का राष्ट्रपति संवैधानिक मुखिया होता है और वह किसी जातीय दायरे में नहीं होता। इसलिए इसका राजनीतिक लाभ लेने की लालसा से वक्तव्य नहीं देना चाहिए।

इस नसीहत पर कांग्रेस ने उमा भारती को धन्यवाद दिया। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव केके मिश्रा ने लिखा धन्यवाद उमा जी, इवेंट मैनेजरों को आइना दिखाने के लिए-

उमा भारती ने साथ ही यह भी लिखा कि द्रौपदी मुर्मू जी को NDA के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना उन पर कोई एहसान नहीं है। वह हर तरह से योग्य महिला हैं। शैक्षिक योग्यता, समाज सेवा का समदर्शी भाव एवं संयमित संस्कारित जीवन, मन, वचन एवं कर्म की संगति का जो सधा हुआ मेल है। भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए इसके अलावा और क्या चाहिए? इसलिए उनकी अपनी योग्यता ही इस पद की उम्मीदवारी के चयन का आधार है।

गौरतलब है कि द्रोपदी मुर्म ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। उनके पहले प्रस्तावक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। दिल्ली जाने से पहले सीएम शिवराज ने भोपाल में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में द्रोपद्री मुर्मु के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था और इस कार्यक्रम में वे स्वयं जनजातीय कलाकारों के साथ नृत्य करते नजर आए थे।

कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा था कि धन्य हैं प्रधानमंत्री मोदी जी और भाजपा..! जिसने एक सामान्य और जनजातीय परिवार में जन्म लेने वाली द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। अब जनजातीय समाज की एक बहन भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठेगी। वह भारत की संवैधानिक प्रमुख होगी, तीनों सेनाओं की मुखिया होगी और भारत की राष्ट्रपति होगी। यह केवल द्रौपदी मुर्मू जी का सम्मान नहीं है, बल्कि देश के समस्त जनजातीय भाई-बहनों और मध्यप्रदेश में निवास करने वाले करोड़ों करोड़ जनजातीय भाई-बहनों का सम्मान है। मेरे जनजातीय भाई-बहनों, नाचो, गाओ, खुशियां मनाओ।

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