पॉवर प्रोजेक्ट के लिए सुखा दी गंगा, बिफरीं उमा बोलीं-पहली बार देखा ऐसा खिलवाड़

उमा भारती ने खुद बनाया गंगा की दुर्दशा का वीडियो, प्रधानमंत्री कार्यालय से कार्रवाई की मांग।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पॉवर प्रोजेक्ट के लिए गंगा की पवित्र धारा से खिलवाड़ पर पूर्व केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री उमा भारती की नाराजगी सामने आई है। उमा भारती ने स्वयं पॉवर प्रोजेक्ट के लिए पानी को रोकने से सूखी गंगा का वीडियो बना सोशल मीडिया में पोस्ट किया है। साथ ही उन्होंने वीडियो को प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ जलशक्ति मंत्रालय को भेज कार्रवाई के लिए लिखा है।

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को एक के बाद एक आठ ट्वीट कर पूरे मामले को सामने रखा है। साथ ही यह बताया है कि पॉवर प्रोजेक्ट के लिए गंगा के प्रवाह को रोककर किस तरह सरकार की नीतियों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।

उमा भारती ने ट्वीट किया कि.

मैं आज हिमालय से बिदा ले रही हूँ । बिठूर जहाँ गंगा विराजमान हैं उनके साथ विंध्यवासिनी मिर्ज़ापुर होते हुए गंगासागर की और बढ़ूँगी। हमारे गंगा अभियान का मूल प्रेरक तत्त्व माँ धारीदेवी थी जो की बद्री केदार के रास्ते में स्थित श्रीनगर के पास अलकनंदा (गंगा) के किनारे आसीन थी। वहाँ पर राज्य एवं केंद्र सरकार की अनुमति से एक प्राइवेट पार्टी ने पावर प्रोजेक्ट लगाने की चेष्टा की। जिसमें धारीदेवी को डुबना था एवं गंगा की अविरलता खण्डित होनी थी। गंगा की अविरलता की अवधारणा में धारीदेवी ही हमारा मूलतत्त्व थी ।

उमा भारती ने आगे लिखा कि फिर बाकी बातों से आप सब अवगत हो चुके हैं। गंगा मंत्रालय ने 2018 में एक notification जारी किया था कि नदी की धारा किसी भी प्रोजेक्ट में खण्डित नही होनी चाहिए तथा हमने उसको नाम दिया था ecological flow ( पर्यावरणीय प्रवाह)। आज अभी दोपहर को मैंने श्रीनगर में ही लगे हुए पावर प्रोजेक्ट के द्वारा इसका बेशर्म एवं निर्दय उल्लंघन देखा। कई किलोमीटर का एक ऐसा हिस्सा दिखाई दिया जहाँ जल था ही नही।

पूर्व केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री उमा भारती ने आगे लिखा कि पावर प्रोजेक्ट के पीक आवर के लिए पूरी गंगा का पानी रोककर नदी के दो टुकड़े कर दिए। इस पावन हिमालय में गंगा की पवित्रतम मुख्य धारा अलकनंदा के साथ ऐसा हिंसक खिलवाड़ मैंने पहली बार देखा और भारत के महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों के परामर्श के बाद जारी की गई नीति का उद्दण्डता पूर्ण उल्लंघन हैं। मैंने तुरन्त इसका वीडियो लिया एवं राज्य सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ जलशक्ति मंत्रालय को कठोरतम उचित कारवाई के लिए भेज रही है।

गौरतलब है कि अविरल गंगा के अभियान के तहत केंद्र सरकार ने नामामि गंगे योजना शुरू की थी। जिसके तहत जून 2014 में 20 हजार करोड़ का बजट पास किया गया था। इस समय उमा भारती केंद्रीय जल संसाधन के साथ नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री भी थीं। हालाँकि इस बड़े बजट के बावजूद गंगा सफाई पर इतने सालों बाद भी कोई बड़ा नतीजा नजर नहीं आ रहा है। गंगा की सफाई के लिए बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती इससे पहले अनशन तक का ऐलान कर चुकीं हैं।

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