महाकाल लोक का लोकार्पण, भीड़ जुटाने में ही खर्च किये 3.4 करोड़?

संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के एक आदेश में कार्यक्रम में दिया गया ख़र्च की गई का विवरण

भोपाल (जोशहोश डेस्क) उज्जैन में महाकाल लोक के लोकर्पण अवसर आयोजित कार्यक्रम के खर्च को लेकर प्रदेश सरकार सवालों के घेरे में है। अब एक विभागीय आदेश के सामने आने से यह खुलासा हो गया है कि महाकाल लोक के लिए भीड़ जुटाने पर ही करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के एक आदेश में महाकाल लोक परियोजनाओं के लोकार्पण एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग की विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों उन्मुखीकरण कार्यक्रम में ख़र्च की गई का विवरण दिया गया है।

कांग्रेस ने इस आदेश को शेयर के सवाल उठाये हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने लिखा- उज्जैन में सम्पन्न “ महाकाल लोक” लोकार्पण कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिये खर्च की गयी राशि का नमूना मात्र…खर्च तो इससे कई गुना हुए-

आदेश के मुताबिक़ हितग्राहियों के परिवहन पर क़रीब दो करोड़ और उनके भोजन पेयजल व्यवस्था पर क़रीब 1 करोड़ 32 लाख रुपये ख़र्च किए गए हैं। कुल मिलाकर खर्च करीब तीन करोड़ 40 लाख के लगभग बताया गया है। आदेश के मुताबिक़ इस राशि का 70% प्रथम किश्त के रूप में जारी भी कर दिया गया है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण 11 अक्टूबर को किया था। पीएम मोदी शाम को उज्जैन पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले गर्भ गृह में बाबा महाकाल की पूजा अर्चना के थी और उसके बाद शाम 6:30 बजे महाकाल प्रोजेक्ट के नंदी द्वार पर वे लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसके बाद शाम 7:00 बजे कार्तिक मेला ग्राउंड में उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया था जिसमे करीब 60 हज़ार लोग मौजूद बताये गए थे। आदेश में भी करीब 66 हज़ार हितग्राहियों को लाने और उनके भोजन व्यवस्था की बात की गई है।

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