MP

शुभम की मौत को हुए 2 माह, अब तक नहीं पहुंची शिवराज की मदद…

प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोविड योद्धा कल्याण योजना के तहत 50 लाख की मदद की घोषणा भी की थी। लेकिन प्रदेश के मुखिया ने मदद की घोषणा तो कर दी लेकिन शुभम की मौत के करीब दो महीने होने वाले है और सीएम का वादा अब भी वादा ही बना हुआ है, डॉ शुभम के परिजनों को कोई मदद नही मिली है।

सागर (जोशहोश डेस्क) साल 2020 में नवंबर माह के अंत में कोरोना मरीज़ों का इलाज करते हुए ज़िंदगी से हारे सागर के डॉक्टर शुभम उपाध्याय उन योद्धाओं में है। जिनको इलाज के लिए शिवराज सिंह सरकार ने एक करोड़ रुपये मंजूर कर दिए और चेन्नई ले जाने के एक दिन पहले की मौत हो गई। यह मामला काफी चर्चित हुआ था। उस समय प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोविड योद्धा कल्याण योजना के तहत 50 लाख की मदद की घोषणा भी की थी। लेकिन प्रदेश के मुखिया ने मदद की घोषणा तो कर दी लेकिन शुभम की मौत के करीब दो महीने होने वाले है और सीएम का वादा अब भी वादा ही बना हुआ है, डॉ शुभम के परिजनों को कोई मदद नही मिली है।

शिवराज ने किए थे एक करोड़ रूपए मंजूर
जिनको इलाज के लिए शिवराज सिंह सरकार ने एक करोड़ रुपये मंजूर कर दिए और चेन्नई ले जाने के एक दिन पहले की मौत हो गई, यह मामला काफी चर्चित हुआ था। उस समय सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोविड योद्धा कल्याण योजना के तहत 50 लाख की मदद की घोषणा भी की थी। बुंदेलखंड अंचल के मंत्रियों गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह , गोविंद राजपूत और विधायक शेलेन्द्र जैन और प्रशासन ने भरोसा जताया था। लेकिन करीब दो महीने होने वाले है। डॉ शुभम के परिजनों को कोई मदद नही मिली है। मौत के बाद मदद की फिलहाल बातें भर है….

शुभम की कहानी भी कुछ ऐसी ही है
कोरोना वैक्सीन की पूरे देश में जोर शोर से वैक्सीनेशन की शरुआत हुई। लेकिन ऐसे हजारों लोग है जो कोरोना संक्रमण में जान गंवा बैठे, उनमें कोरोना योद्धा भी शामिल है। जिन्होंने दिन रात जान की परवाह किए बगैर कोविड संक्रमण को फैलने से रोका और इसी संक्रमण का शिकार बने। साग़र जिले के आदिवासी ब्लाक केसली के निवासी डॉ शुभम उपाध्याय की कुछ इसी तरह की मार्मिक कहानी है। शासकीय बुन्देखण्ड मेडिकल कालेज(BMC) सागर के 26 साल के युवा डाक्टर शुभम (Dr. Shubham upadhyay) उन योद्धाओं में है।

जिस कालेज में पढ़ा ,वही पहली पोस्टिंग हुई थी
सागर जिले के केसली निवासी डॉ शुभम पिता सुदामा प्रसाद उपाध्याय ने बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज सागर से MBBS किया। इसी साल उनकी पढ़ाई पूरी हुई। कोरोना संक्रमण से निपटने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन NHM ने संविदा भर्तियां की। जिसके तहत डॉ शुभम की पहली पोस्टिंग बतौर मेडिकल ऑफिसर बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में ही ज्वाईन किया। इस दौरान खूब कोरोना पीड़ितों की जमकर सेवा की। इसके चलते वे 28 अक्टूबर को पॉजिटिव हुए। तबियत बिगड़ने पर 10 नबम्बर को चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।  

मेडिकल कालेज के साथियों और शहर के लोगो ने चंदा भी इकठ्ठा किया था। लोगो ने भी मदद की थी। उसके इलाज के लिए मन्त्री गोपाल भार्गव और विधायक शेलेन्द्र जैन ने सीएम शिवराज से गुहार लगाई थी। सरकार ने 24 नवंबर को  एक करोड़ रुपये के खर्चे से चेन्नई में इलाज कराने की मंजूरी भी दे दी।  डॉ शुभम के फेफड़े बदले जाने थे। वहां से टीम भी भोपाल आ गयी। लेकिन दूसरे दिन 25 नवंबर को  शाम को चिरायु हॉस्पिटल में डॉ शुभम की दुखद मौत हो गई।

कोरोना वैक्सीन को लगवाए अफवाहों से बचे : शुभम के पिता
पिता सुदामा प्रसाद से चर्चा की तो उनकी आंखों में आंसू ,बेटे की मौत का दर्द तो था ही वही जिस सरकारी मदद 50 लाख रुपये की घोषणा की थी, वह अभी तक नही मिली है। सुदामा प्रसाद बताते है कि उनका बेटा शुभम 28 अक्टूबर को वह पॉजिटिव निकला। 10 नबम्बर को भोपाल में भर्ती कराया, 25 नबम्बर को मौत हो गई। सरकार ने एक करोड़ रूपए इलाज के लिए मंजूर भी किए थे। 26 नवम्बर को भोपाल में ही अंतिम संस्कार हुआ। दिनरात मेडिकल कालेज में कोरोना संक्रमण के मरीजों के बीच सेवा में जुटा रहता था। बीमार होने पर शुभम के इलाज में लापरवाही भी हुई है। 
सुदामा प्रसाद कहते है कि अभी तक कोरोना योद्धा की 50 लाख की राशि नही मिली है,अनुकम्पा नियुक्ति मिल जाए। कोरोना वैक्सीन को लेकर सुदामा प्रसाद कहते है कि मेरा बेटा तो चला गया। लोग अब ध्यान रखे। वैक्सीनेशन जरूरी है, सभी लोग इसका ध्यान रखे। अब लोगो की जान जाने से बच जाए।

डॉ शुभम के परिवार उनके माता पिता और एक छोटा भाई सत्यम है। पिता सुदामा उपाध्याय स्वास्थ्य विभाग में नान मेडिकल अस्सिटेंट है और केसली क्षेत्र में ही पदस्थ है। छोटा भाई सत्यम भोपाल के एक मेडिकल कालेज का छात्र है। डॉ शुभम के छोटे भाई सत्यम को अपने भाई की कमी हर जगह अखर रही है। सत्यम कहते है कि उनको मेडिकल की पढ़ाई में अपने बड़े भाई की हमेशा मदद मिल जाती थी। कभी मोबाइल फोन पर भी पढ़ा दिया करते थे।अब ऐसा नही है। मेरा अनुरोध है कि अभी कोरोना खत्म नही हुआ है। कोरोना वैक्सीन आ गयी है। इसको लेकर अफवाह न फैलाये। सभी इसको लगवाए। लेकिन मास्क जरूर पहने।

प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के कई मामले NHM (National Health Mission) में पेंडिंग है। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ही बता सकता है कि योद्धाओं के परिवार तक अब तक आर्थिक सहायता क्यों नहीं दी गई है। कोरोना योद्धाओं के परिवार वाले आज भी आस में बैठे हुए हैं कि कब सरकार अपने द्वारा किए गए वादों को पूरा करेगी।

यह भी पढ़ें-अनिरुद्ध सिंह : बुंदेलखंड का स्ट्रॉबेरी किंग

Back to top button