नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के यू ट्यूब चैनल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यू ट्यूब की लीडिंग पॉलिटिकल कॉमेंटेटर कैटेगिरी में अजीम अंजुम का चैनल टॉप पर आया है। अजीत अंजुम की इस उपलब्धि को ईमानदार कंटेंट और दमदार ग्राउंड रिपोर्टिंग का परिणाम बताया जा रहा है।
दिसंबर माह के डाटा के मुताबिक अजीत अंजुम के चैनल को 45 मिलियन व्यूज मिले हैं। अजीत अंजुम के बाद सत्यहिंदीडॉटकॉम 34 मिलियन व्यूज के साथ दूसरे स्थान पर है। टॉप-5 में नंबर तीन पर ध्रुव राठी का चैनल और नंबर पांच पर पत्रकार नवीन कुमार का यू ट्यूब चैनल आर्टिकल-19 है। नंबर चार पर सत्यसनातन चैनल है।
इस सफलता के बाद अजीत अंजुम ने अपने दर्शकों का धन्यवाद देते हुए कहा है- जो सोचा न था, वो हो गया ..आपके बिना ये मुमकिन न था मैं तो निमित्त मात्र हूं अब चुनौती बड़ी हो गई है-
बड़ी बात यह है कि यू ट्यूब के इस डाटा में उदारवादी विचारधारा के चैनलों को कट्टरपंथी विचारधारा से कहीं ज्यादा व्यूज मिले हैं। टॉप-5 में चार चैनल उदारवादी विचारधारा के पैरोकार हैं।
अजीत अंजुम ने की इस उपलब्धि को वैकल्पिक पत्रकारिता की नई उम्मीद बताया जा रहा है। देश के बड़े लेकिन विश्वसनीयता खो रहे न्यूज चैनलों के बीच अजीत अंजुम के यू ट्यूब चैनल की सफलता ने स्वतंत पत्रकारों को नई राह भी दिखाई है-
लगभग तीन दशकों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय अजीत अंजुम मुख्यधारा की पत्रकारिता के बड़े चेहरे भी रह चुके हैं। वे इंडिया टीवी और न्यूज 24 में मैनेजिंग एडिटर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। बिहार में बाढ़ की रिपोर्टिंग के लिए साल 2010 में उन्हें प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका अवार्ड भी मिल चुका है।
बिहार से दिल्ली तक का सफर
अजीत अंजुम का जन्म 7 अप्रैल 1969 को बिहार के बेगूसराय जिले में हुआ था। प्रारम्भिक शिक्षा बेगूसराय और दरभंगा में हासिल करने के पश्चात उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय से संबद्ध लंगट सिंह महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर से ग्रेजुएशन किया। उनके पिता रामसागर प्रसाद सिंह बिहार न्यायिक सेवा से संबद्ध थे और पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए। अजीत ने पत्रकारिता की शुरुआत मुजफ्फरपुर में अध्ययन के दौरान ही कर दी थी। पाटलिपुत्र टाइम्स के लिए मुफस्सिल संवाददाता के रुप में लेख लिखते हुए इन्होंने अपना नाम ‘अजीत कुमार’ से बदलकर अजीत अंजुम कर लिया। पटना में फ्रीलांसिग करते हुए अजीत ने मुंबई और दिल्ली से प्रकाशित होने वाले धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, दिनमान और रविवार में लिखते हुए अपनी कलम को धार दी। अजीत सन् 1989 में पत्रकारिता में नई जमीन की तलाश में दिल्ली आ गए।
1994 में अजीत अंजुम प्रिंट मीडिया को अलविदा कहकर अनुराधा प्रसाद की कंपनी ‘बीएजी फिल्म्स’ से जुड़ गए जहां उन्हें राजीव शुक्ला के चर्चित टॉक शो ‘रूबरू’ के निर्देशन की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने अपने करियर का सबसे लंबा वक्त ‘बीएजी फिल्म्स’ में ही बिताया। ‘बीएजी फिल्म्स’ के लिए काम करते हुए अजीत अंजुम ने स्टार न्यूज के लिए ‘सनसनी ‘, ‘रेड अलर्ट ‘ और ‘पोल खोल ‘ जैसे शो प्रोड्यूस किए। एक साल के लिए अजीत अंजुम बतौर सीनियर प्रोड्यूसर ‘आजतक’ में रहे लेकिन फिर ‘बीएजी फिल्म्स’ वापस लौट आए। साल 2007 में अजीत अंजुम के निर्देशन में ही ‘न्यूज़ 24’ समाचार चैनल शुरू हुआ। अजीत लंबे समय तक न्यूज 24 के प्रबंध संपादक रहे जिसके बाद उन्होंने ‘इंडिया टीवी’ को अपनी सेवाएं दी। मुज़फ़्फ़रपुर में स्नातक के दौरान, अजीत अंजुम ने लिखने और पढ़ने में रुचि लेना शुरू किया, उस समय उनका नाम अजीत कुमार था लेकिन यह नाम बहुत ही सामान्य था इसी कारण उन्होंने अपना नाम अजीत कुमार से बदलकर अजीत अंजुम रख लिया।