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स्थापना दिवस: क्या MP के दिग्गजों की भी नींद उड़ाएगा PM मोदी का संबोधन?

पीएम मोदी ने फिर किया परिवारवाद पर हमला, क्या अपनी ही पार्टी के परिवारवाद को लेकर भी सख्ती दिखाएँगे प्रधानमंत्री?

नई दिल्ली/भोपाल (जोशहोश डेस्क) भारतीय जनता पार्टी बुधवार को अपना 42 वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में परिवारवाद पर फिर हमला करते हुए विपक्ष को आड़े हाथों लिया। सवाल यह भी है कि क्या विपक्ष पर हमलावर प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में अपनी ही पार्टी के परिवारवाद को लेकर भी सख्ती दिखाएँगे?

पीएम मोदी ने स्थापना दिवस पर संबोधन में कहा कि परिवारवादी पार्टियों ने देश के युवाओं को भी कभी आगे नहीं बढ़ने दिया, उनके साथ हमेशा विश्वासघात किया है। केंद्रीय स्तर पर और अलग अलग राज्यों में कुछ राजनीतिक दल हैं जो सिर्फ अपने परिवार के हितों के लिए काम करते हैं। देश के युवा अब ये समझने लगे हैं कि किस तरह परिवारवादी पार्टी लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं।

संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी के परिवारवाद पर सीधे हमले के सियासी मायने भी साफ़ हैं। पांच राज्यों में हुए विधानसभ चुनावों में जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी को अब 18 महीनों के अंदर जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव में उतरना है वहां उसका मुख्य मुकाबला कांग्रेस से है। इनमें गुजरात, हिमाचल प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य भी हैं।

यही कारण है कि पीएम मोदी परिवारवाद के बहाने कांग्रेस पर हमलावर हैं लेकिन कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए पीएम मोदी इन राज्यों में भाजपा में लगातार बढ़ रहे परिवारवाद पर खुद भी सवालों के घेरे में आ जाते हैं। कांग्रेस में परिवार के कारण ही राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे कई नेता आज भाजपा की राजनीति का अहम हिस्सा बन चुके हैं।

मध्यप्रदेश की सियासत की बात की जाये तो इनमें सबसे बड़ा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है जो कमलनाथ की सरकार गिरा भाजपा में शामिल हुए थे। यही नहीं विश्वास सारंग,सुरेंद्र पटवा, दीपक जोशी,आकाश विजयवर्गीय समेत भाजपा के कई दिग्गज भी परिवाद की राजनीति के चलते ही मध्यप्रदेश की सियासत के बड़े चेहरे बन चुके हैं और कई नेता पुत्र अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की कतार में हैं।

टिकट की लिस्ट में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया तक के बेटों के नाम शामिल बताये जाते हैं। इनके अलावा नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेेंद्र प्रताप सिंह तोमर, पूर्व मंत्री गौरी शंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार, सांसद प्रभात झा के बेटे तुष्मुल झा, दीपक जोशी के बेटे जयवर्धन जोशी, अर्चना चिटनीस के बेटे समर्थ चिटनीस, सांसद नंद कुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान और जयंत मलैया के बेटे सिद्दार्थ मलैया भी इस लिस्ट में शामिल हैं। ये नेतापुत्र अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय भी हैं।

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह परिवारवाद को लेकर तीखे तेवर दिखा रहे हैं उसके बाद प्रदेश के दिग्गज नेताओं में खलबली मचना स्वभाविक है। हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी वंशवाद की राजनीति के खिलाफ है और हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में उनके कारण ही पार्टी के कई सांसदों के बेटे-बेटियों को टिकट नहीं मिल सका। अब स्थापना दिवस पर भी परिवारवाद को लेकर पीएम मोदी के सख्त तेवर से मध्यप्रदेश के कई दिग्गजों की नींद उड़ सकती है। देखना यह भी है कि परिवारवाद पर पीएम मोदी के ये तेवर उनकी अपनी ही पार्टी में कितने लागू हो पाते हैं।

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