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पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ मामला किया बंद

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में खुद के नोटिस (स्वत: संज्ञान) पर शुरू की गई सुनवाई को बंद कर दिया है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में खुद के नोटिस (स्वत: संज्ञान) पर शुरू की गई सुनवाई को बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि पूर्व जज ए.के. पटनायक की कमेटी इस ओर इशारा करती है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ अप्रैल 2019 में लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप के पीछे साजिश शामिल है।

जस्टिस एस.के. कौल, ए.एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ का मानना है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश द्वारा किए गए फैंसले उनके खिलाफ साजिश करने की वजह हो सकते हैं। पीठ ने कहा कि चूंकि 2 साल हो चुके हैं, ऐसे में अब यह संभावना नहीं है कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद हो पाएंगे। कोर्ट ने ये बातें मामले की सुनवाई के दौरान कहीं।

जस्टिस पटनायक कमेटी ने वकील उत्सव बैंस द्वारा लगाए गए आरोपों पर गौर किया है कि गोगोई द्वारा लिए गए निर्णयों के कारण उनके खिलाफ एक बड़ी साजिश की गई है।

वहीं जस्टिस कौल ने यह भी देखा कि मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति पहले ही यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखकर एक रिपोर्ट पेश कर चुकी है। लिहाजा मामले में छोटी सी सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह केस बंद कर सुनवाई की प्रक्रिया को खत्म किया जाता है। पीठ ने कहा, “इस मामले को चालू रखने की कोई जरूरत नहीं है।”

2018 में पूर्व कर्मचारी ने लगाया था आरोप
सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। यह महिला 2018 में जस्टिस गोगोई के आवास पर बतौर जूनियर कोर्ट असिस्टेंट पदस्थ थी। महिला का दावा था कि बाद में उसे नौकरी से हटा दिया गया था।
महिला ने अपने हलफनामे की कॉपी 22 जजों को भेजी थी। इसी आधार पर चार वेब पोर्टल्स ने चीफ जस्टिस के बारे में खबर प्रकाशित की। अप्रैल 2019 में मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी।

बता दें कि गोगोई अब राज्यसभा में सदस्य हैं।

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